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Hindi News भारत राष्ट्रीय कश्मीर में बक़रीद की रौनक़, ख़रीदारी ज़ोरों पर

कश्मीर में बक़रीद की रौनक़, ख़रीदारी ज़ोरों पर

कश्मीर घाटी के श्रीनगर और अन्य शहरों-कस्बों में शुक्रवार को बक़रीद की तैयारी को लेकर चारों तरफ़ रौनक़ दिख रही है और लोग ख़रीदारी कर रहे हैं।

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श्रीनगर: कश्मीर घाटी के श्रीनगर और अन्य शहरों-कस्बों में शुक्रवार को बक़रीद की तैयारी को लेकर चारों तरफ़ रौनक़ दिख रही है और लोग ख़रीदारी कर रहे हैं। एक तरफ़ जहां क़ुर्बानी के लिए बकरों की बिक्री हो रही है वहीं और होजरी दुकानों पर भी भारी भीड़ जुट रही है। श्रीनगर में फुटपाथ पर लगी दुकानों और बेकरी दुकानों से कई सड़कों पर जाम जैसी स्थिति हो गई है। भीड़ इतनी है कि यातायात पुलिस ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए हैं। 

ख़रीदारों के लिए कीमतें मायने नहीं रख रही हैं और ऐसा मालूम पड़ रहा है कि विभिन्न नियामक प्राधिकारियों ने ईद के खरीदारों के उत्साह में खलल नहीं डालने का फैसला किया है, खासकर तब जब वे अपनी मनपसंद चीज के लिए दुकानदारों को मनचाही कीमतें देने को तैयार हैं। 

उपभोक्ता मामले व सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारियों ने हालांकि इस बात पर जोर दिया कि बाज़ार में क़ीमतों पर नज़र रखने वाली टीम कीमतों को नियंत्रित करने के लिए निकली हैं, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण वे इसे सही तरीके से नहीं कर पाए हैं। 

बलि के पशुओं की बिक्री का बाजार शहर में हर उस जगह लगा है, जहां भेड़ों और बकरा-बकरियों के झुंड खड़े किए जा सकते हैं। शहर के पुराने इलाके में पारंपरिक ईदगाह मैदान, जहां घाटी का सबसे बड़ा बलि दिए जाने वाले पशुओं का बाजार लगता है, वह किसी अन्य पशु बाजार की तरह ही नजर आ रहा है। बलि दिए जाने वाले भेड़ों और बकरा-बकरियों की कीमतें दुकानदारों की इच्छा और खरीदारों की भुगतान करने की क्षमता पर निर्भर दिख रही हैं। 

घुमावदार सींगों के साथ अच्छे सेहत वाले एक भेड़ को एक खरीदार ने 17,000 में खरीदने से मना कर दिया, जबकि उसी भेड़ को एक खरीदार ने 18,000 देकर खरीद लिया।

अधिकांश बच्चे खिलौने और पटाखें खरीद रहे हैं। वे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रिॉनिक चीजें खरीदने में भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।

एक सरकारी कर्मचारी जहूर अहमद ने कहा, "मेरा बेटा फौजान स्पिनर नाम का इलेक्ट्रिक खिलौना खरीदना चाहता है। इसकी कीमत 500 से लेकर 10,000 रुपये के बीच में होती है और अब यह उस पर है कि वह किस कीमत वाले को चुनता है। मैंने उसकी मांग पूरी करने के लिए अन्य खर्चो में कटौती करने का फैसला किया है।"

श्रीनगर के लाल चौक और रेसिडेंसी रोड वाले इलाकों में बाजारों में बहुत ज्यादा भीड़ दिखाई दे रही है। श्रीनगर के व्यस्त बाजारों में गुरुवार शाम से ही ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। 

ईद-उल-अजहा पैंगबर इब्राहीम द्वारा कायम की गई परंपरा के याद में मनाया जाता है, जिन्होंने अल्लाह के हुक्म की तामील करने के लिए अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने का फैसला किया था। इससे पहले कि पिता की छुरी बेटे के गर्दन पर चलती, अल्लाह ने इस्माइल की जगह एक भेड़ को बलि देने का हुक्म दिया। 

अल्लाह द्वारा बलिदान स्वीकार कर लेने और इस्माइल की जिंदगी बख्श दिए जाने की खुशी में इब्राहीम परिवार ने जश्न मनाया। इस जश्न को मुसलमानों द्वारा ईद-उल-अज़हा के रूप में मनाया जाता है। 

पूरी घाटी में शनिवार सुबह ईद की नमाज अदा की जाएगी।

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