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Hindi News भारत राष्ट्रीय बद्रीनाथ तक पहुंची पहाड़ों पर लगी आग, सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त

बद्रीनाथ तक पहुंची पहाड़ों पर लगी आग, सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त

चंपावत से निकली चिंगारी पूरे जंगल को जलाकर ख़ाक कर देने पर आमादा है। बागेश्वर में भी मंज़र कुछ ऐसा ही है। यहां तो जंगल में लगी आग सड़क के किनारे तक पहुंच चुकी है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी है। श्रीनगर में तो आग का तांडव और भी ज्यादा भयानक है।

Fire continues to rage in Uttarakhand forests; locals complain of govt inaction - India TV Hindi बद्रीनाथ तक पहुंची पहाड़ों पर लगी आग, सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त

नई दिल्ली: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने अब भयानक रूप ले लिया है। पहाड़ों पर लगी ये आग अब बद्रीनाथ तक पहुंच चुकी है। प्रदेश के तकरीबन हर ज़िले के जंगली इलाकों में आग की दहशत है। लोगों का मानना है कि इस आगे के पीछे वन संपदा की चोरी की साज़िश भी एक वजह हो सकती है लेकिन इस मामले में सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त नज़र आ रहा है। जानकारी के मुताबिक जंगलों में लगी आग ने चारधाम यात्रा पर भी असर डाला है। जंगलों की आग बद्रीनाथ धाम के दरवाज़े तक पहुंच गई है। गढ़वाल से लेकर कुमाऊ और हल्द्वानी से लेकर हरिद्वार के जंगल आग की चपेट में हैं।

चंपावत से निकली चिंगारी पूरे जंगल को जलाकर ख़ाक कर देने पर आमादा है। बागेश्वर में भी मंज़र कुछ ऐसा ही है। यहां तो जंगल में लगी आग सड़क के किनारे तक पहुंच चुकी है जिससे आने जाने वाले लोगों को परेशानी होने लगी है। श्रीनगर में तो आग का तांडव और भी ज्यादा भयानक है। पूरे जंगल में फैली आग इतनी भयावह हो गई है कि वो अब घरों तक पहुंचने लगी है। यहां महिलाएं आग बुझाने की कोशिश में जुटी हैं लेकिन ये आग है कि बुझने का नाम नहीं ले रही। अल्मोड़ा में भीषण आग के साथ-साथ धुआं भी उठ रहा है।

जिन पहाड़ों में इन दिनों खुशगवार मौसम हुआ करता था वहां चारों तरफ दमघोंटू धुएं का गुबार है। पौड़ी गढ़वाल ज़िले के श्रीनगर में पिछले 5 दिनों से जंगल की आग लोगों में दहशत पैदा कर रही है। आग अब सड़कों से होते हुए रिहायशी इलाकों और घरों की तरफ बढ़ चली है। तपती गर्मी में आग की तपन के बीच महिलाएं सूखी झाड़ियों और पेड़ों की डाल से आग बुझाने की कोशिश में जुटी हैं लेकिन ये कोशिश नाकाफी साबित हो रही है। लोगों को अब जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में घुसने और लगातार बढ़ते प्रदूषण का डर सता रहा है।

बद्रीनाथ तक पहुंची पहाड़ों पर लगी आग, सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त

अनुमान है कि श्रीनगर इलाके में अब तक 75 हेक्टयर से ज्यादा जंगल जल चुके हैं लेकिन वन विभाग और स्थानीय प्रशासन का दावा है कि सब कंट्रोल में है। मगर हालात और तस्वीरें दावों से मेल नहीं खा रहीं और इसी बात का गुस्सा लोगों में नज़र आने लगा है। पौड़ी में कंडोलिया और टेका के जंगलों में लगी भीषण आग कब घरों और कंडोलिया बाजार के नजदीक पहुंच गयी पता ही नहीं चला। ऐसे में अपने घरों को छोड़कर कई लोग दूसरी जगहों पर जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। आग का कहर केंद्रीय विद्यालय तक जा पहुंचा है। स्कूल के करीब तक आग पहुंचने से अफरा तफरी का माहौल बन गया। प्रशासन जंगल में लगी आग को रिहायशी इलाके तक जाने से रोकने के लिए पूरी तरह जुटा है।

बद्रीनाथ तक पहुंची पहाड़ों पर लगी आग, सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त

उत्तराखंड के चंपावत में भी आग जंगलों में तेज़ी से फैल रही है। खूबसूरत वादियों में भड़कते शोले ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। आलम ये है कि बीच शहर के चारों तरफ जंगली आग के कारण धुआं धुआं हो गया है जिससे लोगों में दहशत है। सड़क किनारे जंगलों में लगी आग से खतरा और बढ़ गया है। रात के वक्त सड़क से गुज़रने वालों के लिए आग और भूस्खलन का दो तरफा डर बना हुआ है।

बद्रीनाथ तक पहुंची पहाड़ों पर लगी आग, सरकार और स्थानीय प्रशासन दोनों ही सुस्त

प्रदेश के श्रीनगर, टिहरी, हरिद्वार, ऋषिकेश, चकराता, कोटद्वार, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में लगी आग है। इस वक्त 741 जगहों पर आग ने कोहराम मचाया हुआ है। इस आग की वजह से लाखों की वन संपदा नष्ट हो रही है वहीं जंगलों के जलने से जंगली जानवरों का खतरा बढ़ गया है। उत्तराखंड में ज्यादातर वन क्षेत्र हैं जिससे सरकार को करोड़ों रुपयों की इनकम होती है लेकिन इन वनों की सुरक्षा राम भरोसे है। वन विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। आधुनिक उपकरण नहीं है और यही वजह है कि हर साल आग का दानव हज़ारों हैक्टेयर वनों को निगल रहा है जो पर्यावरण के लिये खतरे की घंटी है।

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