सुप्रीम कोर्ट ने तबलीगी जमात के मुद्दे पर आज केंद्र सरकार और मीडिया के रुख पर सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीमकोर्ट ने आज एक सुनवाई के दौरान कहा कि हाल के दिनों में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सबसे अधिक दुरुपयोग हुआ है। उच्चतम न्यायालय ने तबलीगी जमात मुद्दे पर मीडिया की फेक न्यूज पर केन्द्र के ‘कपटपूर्ण’ हलफनामे के लिए उसकी खिंचाई की भी की। इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव से इस तरह के मामलों में मीडिया की अभिप्रेरित रिपोर्टिंग को रोकने के लिए पूर्व में उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्योरा देने को कहा।
इन याचिकाओं में तबलीगी जमात के खिलाफ फेक न्यूज प्रसारित करने और निजामुद्दीन मरकज घटना का सांप्रदायिक रूप देने का का आरोप लगाकर टीवी चैनलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
चीफ जस्टिस बोबड़े ने सॉलिसिटर जनरल से कहा, ''आप इस कोर्ट के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते हैं। हलफमाना एक जूनियर अधिकारी द्वारा दायर किया गया है। यह बहुत गोलमोल है और खराब रिपोर्टिंग की किसी घटना पर प्रतिक्रिया नहीं है।''
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