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Hindi News भारत राष्ट्रीय उमर खय्याम ने बदला था समय देखने का तरीका, आज गूगल ने डूडल बनाकर किया याद, जानिए खास बातें

उमर खय्याम ने बदला था समय देखने का तरीका, आज गूगल ने डूडल बनाकर किया याद, जानिए खास बातें

फारसी गणितज्ञ, साहित्यकार, कवि, चिंतक और ज्योतिर्विद उमर खय्याम का आज 971वां जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल भी उन्हें याद कर रहा है। गूगल ने उमर खय्याम का डूडल बनाकर उनके जन्मदिन पर उन्हें याद किया है।

<p>Google Doodle of Omar Khayyam </p>- India TV Hindi Image Source : GOOGLE Google Doodle of Omar Khayyam 

नई दिल्ली: फारसी गणितज्ञ, साहित्यकार, कवि, चिंतक और ज्योतिर्विद उमर खय्याम का आज 971वां जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल भी उन्हें याद कर रहा है। गूगल ने उमर खय्याम का डूडल बनाकर उनके जन्मदिन पर उन्हें याद किया है। उत्तर-पूर्वी फारस के निशापुर में जन्में उमर खय्याम ने दुनिया को एक नया कैलेंडर भी दिया था, जिसने समय देखने का तरीका ही बदल दिया। उन्होंने तारीख मलिकशाही, जलाली संवत या सेल्जुक संवत की शुरुआत की।

उमर खय्याम ने इस्लामिक ज्योतिष को भी नई पहचान दी। उनकी कविताएं या रुबाईयां (चार लाइनों में लिखी जाने वाली खास कविता) को अंग्रेजी कवि एडवर्ड फिज्जेराल्ड द्वारा  अनुवाद किए जाने पर 1859 के बाद ही प्रसिद्धि मिली। उनकी कविताएं 'उमर खय्याम के रुबैये' नाम से लोकप्रिय हुईं। खय्याम ने खुरासन में मलिक शाह के सलाहकार और ज्योतिषी के तौर पर भी काम किया।

साहित्य के अलावा गणित में विशेष रुचि रखने वाले खय्याम ने ज्यामितीय बीजगणित की शुरुआत की और अल्जेब्रा से जुड़े इक्वेशंस के ज्यामिति से जुड़े हल प्रस्तुत किए। उमर खय्याम ने ही अल्जेब्रा में मौजूदा द्विघात समीकरण दिया। इसके अलावा उन्होंने पास्कल के ट्राइएंगल और बियोनमियस कोइफीसिएंट के ट्राइएंगल अरे का भी पहली बार प्रयोग किया। 

उमर खय्याम की अंतरिक्ष और ज्योतिष में रूचि होने की वजह से उन्होंने एक सौर वर्ष (लाइट ईयर) की दूरी दशमलव के छह बिन्दुओं तक पता लगाई। जिसके आधार पर उन्होंने एक नए कैलेंडर का आविष्कार किया। उनके द्वारा आविष्कार किए गए कैलेंडर को ईरानी शासन ने जलाली कैलेंडर के तौर पर लागू किया था। बता दें कि मौजूदा ईरानी कैलेंडर का आधार भी खय्याम का जलाली कैलेंडर ही है।

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