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Hindi News भारत राष्ट्रीय जानिए कौन हैं कमलादेवी चट्टोपाध्याय जिन्हें गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

जानिए कौन हैं कमलादेवी चट्टोपाध्याय जिन्हें गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि

कमलादेवी को उनके योगदान के लिए साल 1955 पद्म भूषण, 1966 में रेमन मैगसेसे पुरस्कार, 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

<p>गूगल डूडल।</p>- India TV Hindi गूगल डूडल।

नई दिल्ली: मंगलवार 3 अप्रैल यानि आज गूगल ने अपना बेहद खूबसूरत डूडल भारत की समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, कला प्रेमी कमलादेवी चट्टोपाध्याय को समर्पित किया है। गूगल के अब तक के कुछ सबसे सुंदर डूडल में से एक ये डूडल जिसमें अलग अलग तरह के कई डिजाइन है। इस डूडल में हाथ में सारंगी और सितार बजाती महिलाएं, डांस और अभिनय करते कलाकर, हाथों से सिलाई और टोकरी बनाती महिलाएं दिख रही हैं और इन सबके बीच में में है कमलादेवी चट्टोपाध्याय। आज कमलादेवी चट्टोपाध्याय का 115वां जन्मदिवस है। चट्टोपाध्याय न केवल भारत की महान स्वतंत्रता सेनानी थी बल्कि उन्होंने आजादी के बाद कई तरह के कला क्षेत्र में अपना योगदान किया। उन्होंने विभिन्न प्रकार के हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम्स, थिएटर, नाट्य एकेडमी, लेखन, महिला अधिकार आदि के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान दिया।

​ उन्होंने देश के कई प्रतिष्ठित कला शिक्षण संस्थान बनाने में अहम भूमिका निभाई। राजधानी दिल्ली में स्थित थिएटर इंस्टीट्यूट नैशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, संगीत नाटक अकादमी, सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज़ इंपोरियम और क्राफ्ट्स काउंसिल ऑफ इंडिया जैसे बड़े संस्थानों को बनाने में कमालदेवी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने कई तरह कि किताबें लिखी जो इंटरनेशनल लेवल पर सराही गई। इनमें Japan-its weakness and strength, Uncle Sam's empire और In war-torn China जैसी किताबें शामिल हैं। इनमें अवेकिंग ऑफ इंडियन वोमेनजापान इट्स विकनेस एंड स्ट्रेन्थ, अंकल सैम एम्पायर, ‘इन वार-टॉर्न चाइनाटुवर्ड्स ए नेशनल थिएटर’ प्रमुख हैं। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें 1955 पद्म भूषण, 1966 में रेमन मैगसेसे पुरस्कार, 1987 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।

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