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Hindi News भारत राष्ट्रीय हिंसा के बाद गूगल ने पश्चिम बंगाल में अपना कार्यक्रम बंद किया

हिंसा के बाद गूगल ने पश्चिम बंगाल में अपना कार्यक्रम बंद किया

प्रस्तावित देशव्यापी एनआरसी और एनपीआर को लेकर दहशत और उसके लिए आंकड़े एकत्र किये जाने की अटकलों के चलते पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले में हिंसा हुई और इंटरनेट कंपनी गूगल को इलाके में अपना डिजिटल जागरूकता कार्यक्रम रोकना पड़ा।

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सूरी (पश्चिम बंगाल): प्रस्तावित देशव्यापी एनआरसी और एनपीआर को लेकर दहशत और उसके लिए आंकड़े एकत्र किये जाने की अटकलों के चलते पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले में हिंसा हुई और इंटरनेट कंपनी गूगल को इलाके में अपना डिजिटल जागरूकता कार्यक्रम रोकना पड़ा। अटकलों के चलते इलाके में दहशत फैल गयी कि इंटरनेट साथी के रूप में कार्य कर रहे एनजीओ की महिला कर्मचारियों द्वारा डाटा एकत्र किया जा रहा है। उसके बाद 22 जनवरी को उनमें से दो के घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया। अधिकारियों और दो महिलाओं के परिवारों के सदस्यों ने बताया कि उनके घरों में तोड़फोड़ की गयी और आग लगा दी गयी। 

एनजीओ ने कहा कि इंटरनेट साथी ग्रामीण महिलाओं को अपने रोजर्मरा की जिंदगी में स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल करने का तरीका सीखाकर उनका सशक्तिरण करने के लिए काम करती हैं। उन्होंने प्रशिक्षण के तहत कुछ सामान्य आंकड़े जुटाए। हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने एनजीओ और गुगल को अपना कार्यक्रम रोक देने का आदेश दिया। बीरभूम की जिलाधिकारी मौमिता गोदारा ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ हमें कार्यक्रम के बारे में नहीं बताया गया था। चूंकि इससे लोगों में दहशत फैली, तो हमने एनजीओ से कार्यक्रम तत्काल रोकने को कहा था। यह यह बंद है।’’ 

एनजीओ ने कहा कि जून, 2015 में टाटा ट्रस्ट के साथ साझेदारी में गूगल ने इंटरनेट साथी कार्यक्रम शुरू किया था और महिला प्रशिक्षकों को 1500 रूपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। संपर्क किये जाने पर गुगल के एक प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि की डिजिटल जागरूकता कार्यक्रम रोक दिया गया है। सैनी सुलताना नामक एक महिला के मकान में तोड़फोड़ की गयी और आग लगा दी गयी। उसके रिश्तेदादार अजहरूद्दीन मुल्ला ने कहा कि इंटरनेट साथी के रूप में काम करने वालों को प्रशिक्षण देने के दौरान लाभार्थियों का नाम, उम्र, पता आदि लेना होता है।

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