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Hindi News भारत राष्ट्रीय गरीबों के सशक्तीकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है सरकार: PM मोदी

गरीबों के सशक्तीकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है सरकार: PM मोदी

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोविड-19 महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित कराती है। इसके अंतर्गत सभी लाभार्थियों को "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम" के तहत पांच किलो अनाज (गेहूं या चावल) निःशुल्क वितरित किया जाता है। 

Government is giving top priority to the empowerment of the poor गरीबों के सशक्तीकरण को आज सर्वोच्च - India TV Hindi Image Source : PTI गरीबों के सशक्तीकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है सरकार: PM मोदी

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार गरीबों के सशक्तीकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाखों परिवारों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये मुफ्त राशन वैश्विक महामारी के इस समय में गरीब की चिंता कम करता है और उनका विश्वास बढ़ाता है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से गरीब कल्याण अन्न योजना के गुजरात के लाभार्थियों से संवाद के दौरान यह बात कही।इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल भी उपस्थित थे।

उन्होंने कहा, "आज दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल के कोटे के अतिरिक्त हर लाभार्थी को पांच किलो गेहूं और चावल मुफ्त दिया जा रहा है। यानि इस योजना से पहले की तुलना में राशनकार्डधारियों को लगभग दोगुनी मात्रा में राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।"

उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों को दीवाली तक पेट भरने के लिए जेब से कोई पेसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहा यह मुफ्त राशन वैश्विक महामारी के इस समय में गरीब की चिंता कम करता है और उसका विश्वास भी बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही करीब-करीब हर सरकार ने गरीबों को सस्ता भोजन देने की बात कही थी और सस्ते राशन की योजनाओं का दायरा और बजट साल दर साल बढ़ता गया लेकिन उसका जो प्रभाव होना चाहिए था, वह सीमित ही रहा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "देश के खाद्य भंडार बढ़ते गए लेकिन भुखमरी और कुपोषण में उस अनुपात में कमी नहीं आ पाई। इसका एक बड़ा कारण था- प्रभावी डिलिवरी सिस्टम का ना होना। इस स्थिति को बदलने के लिए साल 2014 के बाद नए सिरे से काम शुरु किया गया।"

उन्होंने कहा कि आज देश आधारभूत ढांचे पर लाखों करोड़ खर्च कर रहा है लेकिन साथ ही आम लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए और जीवन की सुगमता के लिए नए मानदंड भी स्थापित कर रहा है। शौचालय, आवास, जनधन खातों, आयुष्मान भारत और मुफ्त बिजली व गैस की योजनाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, "ये योजनाएं सम्मान से सशक्तिकरण का माध्यम बन रही हैं। गरीब के सशक्तिकरण को आज सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।"

हर घर नल से जल पहुंचाने की योजाना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के दशकों बाद भी सिर्फ तीन करोड़ परिवारों के घरों में नल से जल पहुंचता था लेकिन 2014 के बाद इस स्थिति में बदलाव हुआ। उन्होंने कहा, "सिर्फ दो साल में साढ़े चार करोड़ से अधिक परिवारों के घरों में नल से जल पहुंच रहा है।"

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना कोविड-19 महामारी के दौरान खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लोगों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित कराती है। इसके अंतर्गत सभी लाभार्थियों को "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम" के तहत पांच किलो अनाज (गेहूं या चावल) निःशुल्क वितरित किया जाता है। हाल ही में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है। 

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