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Exclusive: प्राइवेट सेक्टर में 75% नौकरियां हरियाणा वालों को ही क्यों, सीएम खट्टर का जवाब सुनिए

हरियाणा में युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण के मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इंडिया टीवी संवाददाता देवेंद्र पाराशर से खास बातचीत की।

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नई दिल्ली। हरियाणा में युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत आरक्षण के मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इंडिया टीवी संवाददाता देवेंद्र पाराशर से खास बातचीत की। 75 प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पहले इंटरव्यू में रोजगार बिल को लेकर पूछे गए सवाल में कहा कि आखिर हम प्रदेश के हित में जो भी योजनाएं बनाते हैं वो समाज के हर वर्ग को देखकर बनाते हैं अब चूंकि रोजगार देना उसके अवसर को उपलब्ध कराना ये किसी भी प्रदेश सरकार का काम होता है कि अपने प्रदेश के युवकों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए। रोजगार देने राज्य सरकार का काम है। हरियाणा में हर 4 में से 3 प्राइवेट नौकरी राज्य के लोगों के लिए हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में भी रोजगार बिल है। रोजगार बिल से हरियाणा के युवाओं की नौकरियां सुनिश्चित होंगी। 

सीएम मनोहर लाल खट्टर ने आगे कहा कि  रोजगार बिल में प्राइवेट सेक्टर में पहला अवसर हरियाणा के लोगों को मिले ये हमारा दायित्व है। रोजगार में आरक्षण के पीछे कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। 5 साल से ज्यादा रहने वालों को भी आरक्षण मिलेगा। आरक्षण 50 हजार प्रति माह वेतन वाली नौकरियों में लागू होगा। रोजगार कानून तार्किक और ठोस धरातल पर बना है। लोकल युवकों को राज्य में तरजीह मिलना जरूरी है। रोजगार कानून भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मेनिफेस्टो में शामिल है। किसान आंदोलन से ध्यान भटकाने के लिए आरक्षण नहीं लाए।

किसान आंदोलन और राकेश टिकैत को लेकर पूछे गए एक सवाल में खट्टर ने कहा कि विपक्ष किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर सियासत कर रहा है। नए कृषि कानून किसानों पर थोपा नहीं गया। किसानों को पहले से ज्यादा विकल्प मिल रहा है। कृषि कानून में 'कॉन्ट्रैक्ट' कांग्रेस के बिल में भी शामिल था। कांग्रेस जातियों को वेट बैंक मान रजानीति करती रही है।

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