नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें 2000 रुपये के नए नोट को और नोटबंदी को वापस लेने की मांग की गई है। यह जनहित याचिका न्यायमूर्ति बी.डी. अहमद और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के समक्ष दाखिल की गई है, और पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 22 नवंबर की तिथि तय की है।दिल्ली निवासी फैशन डिजाइनर पूजा महाजन द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि यह निर्णय मनमाना और असंवैधानिक है।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
याचिका में कहा गया है कि आठ नवंबर को केंद्र सरकार ने आरबीआई अधिनियम के तहत दो अधिसूचनाएं जारी की। पहली अधिसूचना में 500 और 1000 रुपये मूल्य के नोट बंद किए गए हैं, और दूसरी में कुछ खास श्रेणियों के लिए, जैसे कि सरकारी अस्पतालों, दवा की दुकानों, रेल टिकट काउंटरों, इन नोटों को वैध कर दिया गया है।
याचिका में आगे कहा गया है कि ये दोनों अधिसूचनाएं एक-दूसरे के विपरीत हैं। दूसरी अधिसूचना पहली अधिसूचना को दरकिनार करती है, और इस तरह 500 और 1000 रुपये के नोट हर हाल में वैध माने जाने चाहिए।
याचिका में सरकार द्वारा जारी 2000 रुपये के नोट की संवैधानिकता और वैधता को चुनौती दी गई है, और कहा गया है कि 2000 रुपये के लिए जारी अधिसूचना कानूनन गलत है, क्योंकि धारा 24(2) के तहत बैंक नोट जारी करने/वितरित करने के लिए इस तरह की कोई अधिसूचना पारित नहीं की जा सकती।
Latest India News