पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने एसएमएस आधारित दाखिल खारिज सुविधा की जरूरत को समझाने के लिए एक घटना का हवाला देते हुए कहा कि करीब 38 साल पहले जिला प्रशासन से भूमि का एक दस्तावेज लेने के लिए उन्होंने घूस दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब वह विधायक नहीं थे और उप क्लेक्टर के कार्यालय से उन्हें ठेका आदेश वाली वह सत्यापित कॉपी कभी नहीं मिली थी जो वह चाहते थे। गोवा में एसएमएस आधारित दाखिल खारिज सुविधा सेवा शुभारंभ के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कल पारसेकर ने यह बात बतायी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह घटना मेरे विधायक बनने से बहुत पहले हुई थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि एक जगह से दूसरे जगह दौड़ते रहने के बावजूद उन्हें कभी दस्तावेज नहीं मिला। उन्होंने बताया, इसके बाद मैं विधायक बना। आज तक मुझे वह नहीं मिला।
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