A
Hindi News भारत राष्ट्रीय राम मंदिर पर अध्यादेश लाई सरकार तो देंगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी

राम मंदिर पर अध्यादेश लाई सरकार तो देंगे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी

बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी उत्तर प्रदेश ने कहा है कि अगर सरकार राम मंदिर निर्माण से संबंधित अध्यादेश जारी करने जैसी कोई कार्रवाई करती है तो कमेटी उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।

<p>if govt promulgate ordinance for ram temple will...- India TV Hindi if govt promulgate ordinance for ram temple will approach supreme court says babri masjid action committee

लखनऊ: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी उत्तर प्रदेश ने कहा है कि अगर सरकार राम मंदिर निर्माण से संबंधित अध्यादेश जारी करने जैसी कोई कार्रवाई करती है तो कमेटी उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कमेटी की ओर से बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि इसकी बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया, ''यद्यपि प्रधानमंत्री के बयान के बाद अब फ़िलहाल केन्द्र सरकार द्वारा राम मन्दिर निर्माण से सम्बन्धित कोई अध्यादेश जारी करना सम्भव नहीं है लेकिन अगर सरकार की तरफ से ऐसी कोई कार्रवाई की जाती है तो उसको शीघ्र ही उच्चतम न्यायालय में चुनौती देकर यथास्थिति क़ायम रखने की कोशिश की जाए।''

कमेटी ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्वयं को एक विशेष धर्म के मानने वालों की सरकार समझकर कार्य कर रही है जबकि भारत के संविधान के अनुसार सरकार का सम्बन्ध किसी धर्म विशेष से नहीं होता है। कमेटी ने कहा कि सभी धर्मों का आदर करना और सभी धर्मों के मानने वालों को समान रूप से देखना हर सरकार का कर्तव्य है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा अन्य नेतागण व विश्व हिन्दू परिषद द्वारा अयोध्या में राम मन्दिर के निर्माण से सम्बन्धित दिए जाने वाले बयान व इससे सम्बन्धित समय-समय पर की जाने वाली घोषणाओं पर विचार करने तथा उच्चतम न्यायालय में चल रहे बाबरी मस्जिद के स्वामित्व (टाइटिल) से सम्बन्धित अपीलों की सुनवाई के बारे में बताने के लिए बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी की बैठक मौलाना यासीन अली उस्मानी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

बैठक में इस बात पर चिन्ता व्यक्त की गई कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार 1950 में दाखि़ल मुकदमा में उप्र सरकार, जिला मजिस्ट्रेट आदि की ओर से दाखि़ल किये जाने वाले तहरीरी बयान (लिखित बयान) के अनुसार काम नहीं कर रही है क्योंकि उपरोक्त जवाब में उप्र सरकार और ज़िलाधिकारी यह मान चुके हैं कि बाबरी मस्जिद में मुसलमान सैकड़ों वर्षों से नमाज़ पढ़ते रहे हैं और उसमें हिन्दुओं ने कभी पूजा नहीं की है।

कमेटी को सुप्रीम कोर्ट में चल रहे बाबरी मस्जिद मुकदमे की वर्तमान स्थिति से भी अवगत कराया गया और बताया गया कि 16 अगस्त 2019 को या उसके बाद सुनवाई की तारीख़ मुक़र्रर होने की सम्भावना है।

Latest India News