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Hindi News भारत राष्ट्रीय राज्यसभा में शून्य काल में चर्चा के लिए नोटिस देने की अवधि आधा घंटा कम की गई, अब 9:30 बजे तक स्‍वीकार किए जाएंगे नोटिस

राज्यसभा में शून्य काल में चर्चा के लिए नोटिस देने की अवधि आधा घंटा कम की गई, अब 9:30 बजे तक स्‍वीकार किए जाएंगे नोटिस

राज्यसभा में सदस्यों को शून्य काल के दौरान किसी विषय पर चर्चा के लिए अब सुबह साढ़े नौ बजे तक सभापति के समक्ष नोटिस देना होगा।

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नई दिल्ली। राज्यसभा में सदस्यों को शून्य काल के दौरान किसी विषय पर चर्चा के लिए अब सुबह साढ़े नौ बजे तक सभापति के समक्ष नोटिस देना होगा। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों की सर्वदलीय बैठक में बताया कि शून्य काल के लिए ऑनलाइन नोटिस देने की कामयाबी के बाद अब नोटिस देने की अवधि आधा घंटा पहले कर दी गई है। यह व्यवस्था मंगलवार से शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र से लागू हो गई है। 

राज्यसभा सचिवालय द्वारा सर्वदलीय बैठक के बारे में जारी बयान के अनुसार नायडू ने सभी दलों के नेताओं को बताया कि पिछले सत्र में शून्य काल के लिए ई-नोटिस की व्यवस्था को कामयाबी से लागू करने के बाद यह बदलाव किया गया है। उन्होंने बताया कि अब शून्य काल में चर्चा कराने के सदस्यों के नोटिस सुबह दस बजे के बजाये साढ़े नौ बजे तक स्वीकार किए जाएंगे।  

इससे सभापति को चर्चा के लिए प्राथमिकता के आधार पर नोटिसों को बेहतर तरीके से सूचीबद्ध करने के लिए अतिरिक्त समय मिल सकेगा। बैठक में नेता सदन और वित्त मंत्री अरुण जेटली और नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के अलावा विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 

नायडू ने सभी दलों के नेताओं से शीतकालीन सत्र में अधिक से अधिक विधायी कार्य संपन्‍न कराने में यथासंभव सहयोग की अपील की। सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं ने नायडू को सदन की सुचारू कार्यवाही के संचालन में पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। उल्लेखनीय है कि अगले साल प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार को शुरू हुआ शीतकालीन सत्र अंतिम पूर्ण सत्र है। 

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