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Hindi News भारत राष्ट्रीय डोकलाम विवाद के चलते चीन के खिलाफ भारत ने तेज किया सीमा निर्माण कार्य

डोकलाम विवाद के चलते चीन के खिलाफ भारत ने तेज किया सीमा निर्माण कार्य

भारत और चीन के बीच लंबे समय से डोकलाम विवाद चल रहा है। जिसके चलते चीन ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की। जिसे ध्यान में रखते हुए भारत ने चीन से निपटने के लिए सीमा पर तैयारियां तेज कर दी हैं।

 India has sharpened border construction work against China- India TV Hindi India has sharpened border construction work against China

भारत और चीन के बीच लंबे समय से डोकलाम विवाद चल रहा है। जिसके चलते चीन ने लद्दाख में घुसपैठ की कोशिश की। जिसे ध्यान में रखते हुए भारत ने चीन से निपटने के लिए सीमा पर तैयारियां तेज कर दी हैं। भारत-चीन सीमा पर सामरिक सड़कों के निर्माण में अत्यधिक देर पर चिंता जताते हुए रक्षा मंत्रालय ने परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को और अधिक प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां दी हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 61 सड़कों का बीआरओ द्वारा भारत-चीन सीमा सड़क (आईसीबीआर) परियोजना के तहत निर्माण में अत्यधिक देर होने पर सख्त ऐतराज जताया था, जिसके कुछ महीने बाद बीआरओ को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला लिया गया है। इन सड़कों की कुल लंबाई 3,409 किलोमीटर है। (गुजरात कांग्रेस के विधायक आज दिल्ली में सोनिया, राहुल से मिलेंगे)

रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि यह BRO में बहुत बड़ा बदलाव लाने का इरादा रखता है ताकि कार्य की गति को बेहतर किया जा सके और सेना की जरूरत के मुताबिक वांछित नतीजे प्राप्त किए जा सकें। मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने बीआरओ को अतिरिक्त प्रशासनिक शक्तियां देने के अलावा स्वदेशी एवं आयातित निर्माण मशीन एवं उपकरण की खरीद के लिए बीआरओ महानिदेशक की वित्तीय शक्तियां बढ़ाकर 100 करोड़ रुपया तक कर दिया है।

अब से पहले महानिदेशक को 7.5 करोड़ रुपये तक के स्वदेशी उपकरण और तीन करोड़ रूपये के आयातित उपकरण खरीदने की शक्ति प्राप्त थी. रक्षा मंत्रालय ने टर्नकी आधार पर सड़क परियोजनाओं के काम में बड़ी कंपनियों को लगाने की BRO को इजाजत देने के लिए नीतिगत दिशानिर्देश को भी मंजूरी दी है। डोकलाम को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तकरार होने के मद्देनजर BRO को ये शक्तियां दी गई हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत-चीन सीमा पर उन सड़कों के निर्माण में देर होने को लेकर भारतीय थल सेना नाखुश है और रक्षा मंत्रालय से परियोजना में तेजी लाने का अनुरोध किया था जिन्हें मूल रूप से 2012 में पूरा होना था। मंत्रालय ने कहा कि BRO का एक चीफ इंजीनियर अब 50 करोड़ रुपये तक का, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) 75 करोड़ रुपये तक का और महा निदेशक 100 करोड़ रुपये तक के ठेकों के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे सकता है।

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