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Hindi News भारत राष्ट्रीय ‘आने वाले कुछ दिनों में होगा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित गैर-परमाणु युद्ध’

‘आने वाले कुछ दिनों में होगा भारत-पाकिस्तान के बीच सीमित गैर-परमाणु युद्ध’

काटजू ने फेसबुक पर आगे लिखा है कि आतंकवादियों के प्रति इस सहानुभूति से निपटने के लिये सेना या सीआरपीएफ उन कुछ लोगों पर हमला करेंगे जिनपर उन्हें संदेह है कि आतंकवादियों को कुछ मदद या जानकारी दे रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप नरसंहार की घटनाएं बढ़ेगी

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नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर काफी मुखर रहे जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अगले कुछ दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच ‘सीमित गैर-परमाणु युद्ध’ होने की भविष्यवाणी की है। फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में काटजू ने कहा कि कश्मीरी आतंकवादी भारतीय सेना और सीआरपीएफ पर छोटे-छोटे हमले करते रहेंगे जिससे कुछ भारतीय सुरक्षाकर्मी हर बार मारे गए। कश्मीर की आबादी भारत के लिये लगभग पूरी तरह शत्रुतापूर्ण है, और इसलिए आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। इसी वजह से कश्मीरी जनता आतंकवादियों को आश्रय, भोजन और सूचना देती रहती है। ये भी पढ़ें: PM मोदी ने बताया क्यों नहीं पहनते मुसलमानों की टोपी, वायरल हो रहा है वीडियो

काटजू ने फेसबुक पर आगे लिखा है कि आतंकवादियों के प्रति इस सहानुभूति से निपटने के लिये सेना या सीआरपीएफ उन कुछ लोगों पर हमला करेंगे जिनपर उन्हें संदेह है कि आतंकवादियों को कुछ मदद या जानकारी दे रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप नरसंहार की घटनाएं बढ़ेगी जैसा कि वियतनाम में हुआ था। इस कारण भारतीय सुरक्षा बलों और कश्मीरी जनता के बीच दुश्मनी बढ़ती जाएगी और अधिक गैर-लड़ाके आतंकवाद अपनाते जाएंगे।

एक समय आ जाएगा जब एक टेट-प्रकार आक्रामक, जैसा कि वियतनाम में जनवरी 1 9 68 में हुआ था, के रुप में हमारे सैनिकों पर कश्मीरी आतंकवादियों द्वारा शुरू किया जा सकता है जिसमें यदि हज़ारों नहीं तो सैकड़ों की संख्या में लोग हताहत होंगे और संभवत: भारतीय सेना आतंकवादियों के शिविरों को नष्ट करने के बहाने LoC को पार करेगी लेकिन इस बार पाकिस्तानी सेना के तैयार रहने की वजह से 'सर्जिकल स्ट्राइक' संभव नहीं हो पायेगा जिसका मतलब होगा एक सीमित युद्ध है।

कुछ समय बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद युद्ध विराम की मांग करेगी, लेकिन उस समय तक दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे जा चुके होंगे। इस युद्ध के नतीजे का उपमहाद्वीप में लंबे समय तक असर रहेगा।

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