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Hindi News भारत राष्ट्रीय 2+2 वार्ता के लिए भारत आएंगे माइक पोम्पियो और मार्क एस्पर, दिल्ली में 26-27 अक्टूबर को बातचीत

2+2 वार्ता के लिए भारत आएंगे माइक पोम्पियो और मार्क एस्पर, दिल्ली में 26-27 अक्टूबर को बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच तीसरी 2+2 वार्ता 26-27 अक्टूबर को दिल्ली में होने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बातचीत के दौरान दोनों पक्षों द्वारा रणनीतिक सहयोग की विस्तृत समीक्षा किए जाने की संभावना है।

India US 2+2 meet, India US 2+2 meet Mike Pompeo, Mike Pompeo, Mike Pompeo Mike Esper- India TV Hindi Image Source : TWITTER/MEA पहली 2+2 वार्ता का आयोजन सितंबर 2018 में दिल्ली में हुआ था जबकि दूसरी वार्ता दिसंबर 2019 में वॉशिंगटन में हुई थी।

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के बीच तीसरी 2+2 वार्ता 26-27 अक्टूबर को दिल्ली में होने जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बातचीत के दौरान दोनों पक्षों द्वारा रणनीतिक सहयोग की विस्तृत समीक्षा किए जाने की संभावना है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर वार्ता के लिए भारत आएंगे। वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस.जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। बता दें कि दोनों देशों के बीच इससे पहले भी 2+2 वार्ता का आयोजन 2 बार हो चुका है।

सितंबर 2018 में हुई थी पहली 2+2 वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बातचीत की रूपरेखा को मंजूरी दिए जाने के बाद पहली 2+2 वार्ता का आयोजन सितंबर 2018 में दिल्ली में हुआ था। इसके बाद दोनों देशों के बीच दूसरी वार्ता दिसंबर 2019 में वॉशिंगटन में हुई थी। गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच अब से पहले संबंध कभी इतने मजबूत नहीं रहे, लेकिन सर्वश्रेष्ठ दौर आना अभी बाकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच बेहतर होते जा रहे संबंधों में 2+2 वार्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

हाल ही में पोम्पियो ने चीन पर साधा था निशाना
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने हाल ही में ‘खराब बर्ताव’ और क्वॉड समूह के देशों के सामने खतरे पैदा करने के लिए चीन को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि उसने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किए हैं। अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया पर आधारित ‘क्वॉड’ देशों के विदेश मंत्री महीने की शुरुआत में तोक्यो में मिले थे। कोरोना वायरस महामारी शुरू होने के बाद से व्यक्तिगत उपस्थिति वाली यह उनकी पहली वार्ता थी। यह बैठक हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव की पृष्ठभूमि में हुई थी।

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