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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत फरवरी से एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन से स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण अभियान शुरू करेगा

भारत फरवरी से एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन से स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण अभियान शुरू करेगा

हमारे देश में जिस वैक्सीन का प्रोडक्शन होने की संभावना है और जिस वैक्सीन को फरवरी तक आम लोगों को देने का दावा किया जा रहा है वो वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्रॉजेनेका कंपनी के साथ मिलकर डेवलप कर रही है।

नई दिल्ली: हमारे देश में जिस वैक्सीन का प्रोडक्शन होने की संभावना है और जिस वैक्सीन को फरवरी तक आम लोगों को देने का दावा किया जा रहा है वो वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्रॉजेनेका कंपनी के साथ मिलकर डेवलप कर रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी ने आज इस बात का ऐलान कर दिया है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार अब खत्म होने वाला है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी की तरफ से कहा गया है कि कोविड के खिलाफ जंग में आज एक बड़ा माइल स्टोन पार किया गया है।

रिसर्च के इंटरिम डाटा के मुताबिक ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन 70 परसेंट इफेक्टिव है और अगर दूसरी डोज़ भी ली जाती है तो इसकी इफेक्टिवनेस 90 परसेंट तक बढ़ जाती है। बड़ी बात ये है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जो कोरोना वैक्सीन डेवलप कर रही है वो दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन होगी। आज यूनीवर्सिटी ने कहा कि उसके साइंटिस्टस ने दुनिया को लो-कॉस्ट कोविड वैक्सीन मुहैया कराने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ा दिया है। उम्मीद है कि अगले साल के आखिर तक दुनिया के 3 अरब लोगों को ये वैक्सीन मुहैया करा दी जाएगी। 

इस वैक्सीन को रखने के लिए फ्रीज़र की जरूरत नहीं होगी। फ्रिज में 2 से 8 डिग्री टेम्परेचर में भी इसे रखा जा सकता है इसलिए वैक्सीन को प्रिजर्व करने, स्टोर करने और उसे ट्रंसपोर्ट करने में मौजूदा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा। कोई नए इंतजाम नहीं करने होंगे, आक्सफोर्ड यूनीवर्सिटी के मुताबिक इस वैक्सीन का ट्रायल करीब 23 हज़ार वॉलिन्टियर्स पर किया गया और रिजल्ट पॉजिटिव रहे। 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जो कोविड वैक्सीन डैवलप करेगा उसका भारत में प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगा। ऑक्सफोर्स यूनिवर्सिटी के  एलान के बाद सीरम इंस्टीट्यूट के CEO अदार पूनावाला ने भी कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की "कोविशील्ड" लो-कॉस्ट वैक्सीन है। लॉजिस्टिकली भी ये काफी बेहतर है। इस वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए खास इंतजाम नहीं करने पड़ते इसलिए ये वैक्सीन आसानी से लोगों तक पहुंचाई जा सकती है।

आपको बता दें अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक एक शख्स को इस वैक्सीन की 2 डोज़ लेनी होगी और 2 डोज़ की कीमत एक हज़ार रूपये के आसपास होगी। पूनावाला के मुताबिक फरवरी में सबसे पहले वैक्सीन की डोज हैल्थ वर्कर्स, कोरोना पेशेन्ट्स और बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी। जबकि आम लोगों को मार्च या अप्रैल तक कोविशील्ड के लिए इंतजार करना होगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि देश के 135 करोड़ लोगों को मार्च-अप्रैल में ही वैक्सीन मिल जाएगी।

असल में इतनी बड़ी मात्रा में वैक्सीन के प्रोडक्शन में वक्त लगेगा इसलिए सभी लोगों तक वैक्सीन स्टेप बाई स्टेप पहुंचाई जाएगी। इसके लिए सरकार ने बाकायदा रणनीति बनानी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी राज्यों के साथ विचार कर रहे हैं। कल भी मोदी की चीफ मिनिस्टर्स के साथ मीटिंग होगी। प्रधानमंत्री पहले उन आठ राज्यों के चीफ मिनिस्टर्स के साथ मीटिंग करेंगे जो कोरोना के सबसे ज्यादा शिकार है। जहां कोरोना के सबसे ज्यादा केसेज हैं। इसके बाद दूसरे राउंड में देश के बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बात होगी। 

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने वैक्सीन को लेकर जिस तरह के दावे किए हैं उसे देखते हुए ये करीब-करीब तय है कि अगले साल की शुरूआत में कोरोना की वैक्सीन मार्केट में उतार दी जाएगी। यही वजह है कि सरकार ने भी वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 नवंबर को इसे लेकर एक हाईपावर्ड मीटिंग की थी।

अब प्रधानमंत्री कल सभी मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना की सिचुएशन को लेकर मीटिंग करेंगे। ये मीटिंग 2 फेज़ में होगी। सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री उन 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग करेंगे जहां कोरोना का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिल रहा है जबकि दोपहर 12 बजे बाकी राज्यों की चीफ मिनिस्टर्स के साथ मीटिंग होगी। अब तक जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक इस मीटिंग में कोरोना की सिचुएशन के साथ-साथ वैक्सीन के डिस्ट्रिब्यूशन पर भी चर्चा की जाएगी। 

कोरोना वैक्सीन को लेकर प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को जो मीटिंग की थी उसमें उन ग्रुप्स को प्रायोरटाइज किया गया जिन्हें सबसे पहले ये वैक्सीन दी जाएगी। हालांकि राहत की बात ये है कि पिछले कुछ हफ्तों से देश में नए कोरोना केसेज की संख्या 50 हज़ार से कम है। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 45 हज़ार 209 नए केस सामने आए लेकिन दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, आंध्रप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक औऱ मध्यप्रदेश जैसे राज्यों ने चिंता बढ़ा रखी है। यहां कोरोना के मामलों में फिर जंप देखा जा रहा है। यही वजह है कि गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों ने कोरोना पर काबू पाने के लिए नाइट कर्फ्यू जैसे कदम उठाए हैं। कल प्रधानमंत्री के साथ होने वाली मीटिंग में इन सभी मुद्दों पर बात होगी। 

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