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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारतीय सेना में 39 महिला अधिकारियों को मिला स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

भारतीय सेना में 39 महिला अधिकारियों को मिला स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय सेना ने शुक्रवार को 39 महिला अधिकारियों को स्थायी (परमानेंट) कमीशन प्रदान किया है।

भारतीय सेना में 39 महिला अधिकारियों को मिला स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश- India TV Hindi Image Source : PTI FILE PHOTO भारतीय सेना में 39 महिला अधिकारियों को मिला स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था निर्देश

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए भारतीय सेना ने शुक्रवार को 39 महिला अधिकारियों को स्थायी (परमानेंट) कमीशन प्रदान किया है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सेना से इन अधिकारियों को 1 नवंबर तक स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई जीतने के बाद सेना की 39 महिला अफसरों को इसी महीने 22 अक्टूबर को स्थायी कमीशन मिला था।

स्थायी कमीशन का अर्थ सेना में रिटायरमेंट तक करियर है, जबकि शॉर्ट सर्विस कमीशन 10 साल के लिए होता है। इसमें अधिकारी के पास 10 साल के अंत में स्थायी कमीशन छोड़ने या चुनने का विकल्प होता है। यदि किसी अधिकारी को स्थायी कमीशन नहीं मिलता है तो अधिकारी चार साल का विस्तार चुन सकता है। 

 सेना में 39 महिला अधिकारियों को पीसी प्रदान करने का आदेश जारी करे केंद्र: न्यायालय

सेना में कुछ महिला लघु सेवा आयोग अधिकारियों (डब्ल्यूएसएससीओ) को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने 8 अक्टूबर को केंद्र को निर्देश दिया कि सात कार्यदिवस के अंदर ऐसी 39 अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) देने के लिए आदेश जारी किया जाए तथा जिन 25 अधिकारियों के नाम पर विचार नहीं किया गया है, उनका विवरण कारणों के साथ जमा किया जाए। केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि सभी 72 महिला एसएससी अधिकारियों के मामले पर पुनर्विचार करने के बाद एक अधिकारी ने छोड़ने का फैसला किया, 39 अधिकारियों के नाम पर पीसी के लिए विचार किया जा सकता है, सात चिकित्सीय रूप से अनफिट पाई गयी हैं और 25 अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं दिया जा सकता क्योंकि उनकी अनुशासनहीनता तथा अवज्ञा संबंधी प्रतिकूल एसीआर रिपोर्ट हैं।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत में अवमानना याचिकाएं दाखिल करने वालीं 36 डब्ल्यूएसएससीओ अधिकारियों के समूह की कुछ अधिकारियों के संबंध में केंद्र एक सारणीबद्ध तरीके से बयान दाखिल करेगा जिनमें योग्य नहीं पाई गयीं प्रत्येक अधिकारी के संबंध में कारण दिये जाएं। केंद्र ने पहले शीर्ष अदालत को बताया कि इन सभी 72 डब्ल्यूएसएससीओ अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने के लिहाज से अनफिट पाया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब इस अदालत का 25 मार्च, 2021 का अंतिम आदेश है तो पीसी प्रदान करने के लिए विचार इस अदालत के विशिष्ट निर्देशों के तहत किया जाएगा। 

समान व्यवहार और पेशेवर भावना से महिला कैडटों का एनडीए में स्वागत करिए: सेना प्रमुख 

सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने शुक्रवार को पुणे में कहा कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) के दरवाजे महिला कैडटों के लिए खोले जाने के साथ ऐसी उम्मीद की जाती है कि पेशेवर भावना के साथ समानता के आधार पर उनका स्वागत किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि महिला कैडटों का एनडीए में शामिल होना सशस्त्र बलों में ‘‘लैंगिक समानता की ओर पहला कदम’’ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाओं के शामिल होने से उनका सशक्तिकरण होगा और कम से कम 40 साल बाद वे उस स्थिति में होंगी जहां अभी पुरुष कैडेट हैं। वह यहां एनडीए के 141वें कोर्स की पासिंग आउट परेड की समीक्षा करने के बाद कैडटों को संबोधित कर रहे थे। 

जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘चूंकि हमने एनडीए का दरवाजा महिला कैडटों के लिए खोल दिया है तो हम आपसे पेशेवर भावना के साथ समानता के आधार पर उनका स्वागत करने की उम्मीद करते हैं जिसके लिए भारतीय सशस्त्र बलों को दुनियाभर में जाना जाता है।’’ रक्षा मंत्रालय ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि महिला उम्मीदवारों को भी एनडीए की प्रवेश परीक्षा देने की अनुमति देने वाली एक अधिसूचना अगले साल मई में जारी कर दी जाएगी।

उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि एनडीए में महिलाओं के प्रवेश को एक और साल तक नहीं टाला जा सकता और उसने महिला उम्मीदवारों को इस साल नवंबर में परीक्षा देने की अनुमति दे दी। परेड के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में जनरल नरवणे ने कहा कि महिलाओं के एनडीए में शामिल होने पर उन्हें यकीन है कि वे अपने पुरुष समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘इतने वर्षों में जैसे-जैसे हम बड़े और परिपक्व हुए तो पाठ्यक्रम भी बदल गया है, प्रशिक्षण का तरीका बदल गया है, कोर्स की सामग्री में सुधार आया है। हम अधिक अच्छे तरीके से प्रशिक्षित हुए और हमारे पास चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतर साधन हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे हम अकादमी में महिला कैडटों को शामिल करेंगे और मुझे यकीन है कि वे अपने पुरुष समकक्षों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी।’’ 

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