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Hindi News भारत राष्ट्रीय पाकिस्तान से लगे बॉर्डर पर मिला भारतीय सेना के जवान का शव

पाकिस्तान से लगे बॉर्डर पर मिला भारतीय सेना के जवान का शव

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास से सेना का एक जवान मृत मिला है। सेना के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कछल में तैनात गनर त्रिवेद प्रकाश मृत मिले हैं।

पाकिस्तान से लगते बॉर्डर पर मिला भारतीय सेना के जवान का शव- India TV Hindi Image Source : PTI पाकिस्तान से लगे बॉर्डर पर मिला भारतीय सेना के जवान का शव

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास से सेना का एक जवान मृत मिला है। सेना के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कछल में तैनात गनर त्रिवेद प्रकाश मृत मिले हैं। उनकी मौत सात मार्च को उनकी ही सरकारी बंदूक से चली गोली लगने से हुई है। अधिकारी ने बताया, “उनकी मौत की परिस्थितियों और कारणों की जांच की जा रही है।” उन्होंने साफ किया कि जवान की मौत संघर्षविराम उल्लंघन के कारण नहीं हुई है।

LoC पर दोनों देश संघर्षविराम समझौतों का पालन करने को राजी

गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर और अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम संबंधी सभी समझौतों का सख्ती से पालन करने पर 25 फरवरी को सहमति जताई। हालांकि, भारत बॉर्डर पर अपने सैनिकों की तैनाती कम नहीं करेगा। सैन्य अधिकारियों ने कहा कि आतंकवाद और घुसपैठ से लड़ने के लिए पाकिस्तान सीमा पर सैनिकों की तैनाती या सैन्य अभियानों में कमी नहीं की जाएगी।

इस्लामाबाद और नयी दिल्ली में एक संयुक्त बयान जारी कर दोनों पक्षों ने कहा था, ‘‘दोनों पक्षों ने 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौतों, और आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई।’’ दोनों पक्ष ने दोहराया कि ‘‘किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने या गलतफहमी दूर करने के लिए’’ हॉटलाइन संपर्क और ‘फ्लैग मीटिंग’ व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा।

भारतीय सैन्य अधिकारियों ने कहा था कि संघर्ष विराम का यह मतलब नहीं कि आतंकवाद के खिलाफ सेना का अभियान थम जाएगा। सतर्कता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि वे संघर्ष विराम समझौते को लेकर आशावादी हैं लेकिन पूरी तरह सावधानी बरतेंगे। भारत और पाकिस्तान ने 2003 में संघर्ष विराम समझौता किया था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से शायद ही इस पर अमल हुआ।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने बीते महीने की शुरुआत में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि पिछले तीन साल में पाकिस्तान के साथ लगती भारत की सीमा पर संघर्ष विराम समझौते के उल्लंघन की कुल 10,752 घटनाएं हुईं, जिनमें 72 सुरक्षा कर्मियों और 70 आम लोगों की जान गई। उन्होंने कहा था कि 2018, 2019 और 2020 में जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा एवं नियंत्रण रेखा के पास सीमा पार गोलीबारी में 364 सुरक्षाकर्मी और 341 आम नागरिक घायल हुए।

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