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Hindi News भारत राष्ट्रीय ज्वार-बाजरा को बढ़ावा देने की भारतीय पहल को बड़ी कामयाबी, UNGA ने स्वीकारा 'International Year of Millets 2023'

ज्वार-बाजरा को बढ़ावा देने की भारतीय पहल को बड़ी कामयाबी, UNGA ने स्वीकारा 'International Year of Millets 2023'

UNGA में 70 से ज्यादा देशों ने भारत के इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। भारत के अलावा बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, रूस और सेनेगल ने भी 2023 को मिलेट का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव दिया था।

<p>International Year of Millets 2023</p>- India TV Hindi Image Source : PM MODI TWITTER International Year of Millets 2023

नई दिल्ली। दुनियाभर में ज्वार-बाजरा जैसे अनाज को बढ़ावा देने के लिए भारत ने जो पहल शुरू की है उसको बड़ी कामयाबी मिली है, भारत ने इसके लिए 2023 को मिलेट अनाज  का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में 2023 प्रस्ताव दिया था जिसे संयुक्त राष्ट्र की आम सभा ने मंजूर कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत की तरफ से यह जानकारी दी गई है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे शेयर किया है और कहा है कि मिलेट के क्षेत्र में इससे कृषि वैज्ञानिकों और स्टार्ट अप्स के लिए रिसर्च की नई संभावनाए तैयार होंगी। संयुक्त राष्ट्र में  भारत के इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने वाले देशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्यवाद किया है। 

UNGA में 70 से ज्यादा देशों ने भारत के इस प्रस्ताव को अपना समर्थन दिया है। भारत के अलावा बांग्लादेश, केन्या, नेपाल, रूस और सेनेगल ने भी 2023 को मिलेट  का अंतरराष्ट्रीय वर्ष घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव दिया था। 

भारत की इस पहल से दुनियाभर में ज्वार बाजरा जैसे मिलेट के लिए नया बाजार खड़ा हो सकता है जो भारत और भारत के किसानों के लिए लाभकारी होगा। भारत में बड़ी मात्रा में मिलेट अनाज का उत्पादन होता है। इस साल भारत में 47.4 लाख टन ज्वार, 103 लाख टन बाजरा और 18.7 लाख टन रागी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। 

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