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भारत ही नहीं विदेशों में भी छाप छोड़ रहे हैं देश के योगगुरु

गौरतलब है कि 21 जून को मनाए जाने वाले विश्व योग दिवस के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को प्रमोट करने के लिए विशेष रूप से त्रिकोणासन और ताड़ासन जैसे योग के लाभ बता रहे हैं और खुद भी उसका प्रयोग कर रहे हैं।

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नई दिल्ली: 21 जून को मनाए जाने वाले विश्व योग दिवस के लिए एक ओर जहां सरकारी स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं वहीं दूसरी ओर इसे सफल बनाने के लिए विभिन्न योग गुरु भी अपने-अपने तरीके से जुटे हैं। क्षेत्र में आज के भारतीय युवाओं का सराहनीय क़दम भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। ऐसे ही एक युवा हैं उत्तराखंड के पौड़ी जिले के विनोद रावत जो ऋषिकेश और जापान में योग के प्रचार-प्रसार में लगे हैं। उनका मकसद विदेशों में योग को प्रसिद्घ कर भारतीय परंपरा को जग में फैलाना है। योगी विनी के नाम से विनोद जापान के ओसाका शहर में प्रसिद्घ हो रहे हैं। विनोद जापान के ओसाका और ऋषिकेश में योगा विनी के नाम से योगा स्कूल चला रहे हैं।

भारत ही नहीं विदेशों में भी छाप छोड़ रहे हैं देश के योगगुरु

गौरतलब है कि 21 जून को मनाए जाने वाले विश्व योग दिवस के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को प्रमोट करने के लिए विशेष रूप से त्रिकोणासन और ताड़ासन जैसे योग के लाभ बता रहे हैं और खुद भी उसका प्रयोग कर रहे हैं।

भारत ही नहीं विदेशों में भी छाप छोड़ रहे हैं देश के योगगुरु

योग के प्रचार-प्रसार में जुटे योगी विनी ने बताया कि वृक्षासन एक ऐसा आसन है, जिसमें न्यूरो मस्कुलर कोर्डिनेशन बहुत मजबूत होता है। जिसका लाभ दैनिक कार्य के अलावा मस्तिष्क को भी शांत रखने में कारगर साबित होता है। योगी विनी के अनुसार वृक्षासन में पैरों की मासपेशियां बेहद मजबूत होती हैं। हालांकि गठिया, चक्कर या मोटापे से पीड़ित लोगों को यह आसन न करने की सलाह वह स्पष्ट रूप से देते हैं।

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