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Hindi News भारत राष्ट्रीय दक्षिण कश्मीर को शांत करने के लिए ‘जादू की झप्पी’ की जरूरत

दक्षिण कश्मीर को शांत करने के लिए ‘जादू की झप्पी’ की जरूरत

डियालगाम (कश्मीर): जादू की झप्पी के साथ ऑपरेशन काम डाउन चलाने वाली सेना अब दक्षिण कश्मीर के अंदरूनी हिस्से का रूख कर रही है जहां कानून-व्यवस्था को ठीक कर स्थानीय लोगों में वह विश्वास जगा

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डियालगाम (कश्मीर): जादू की झप्पी के साथ ऑपरेशन काम डाउन चलाने वाली सेना अब दक्षिण कश्मीर के अंदरूनी हिस्से का रूख कर रही है जहां कानून-व्यवस्था को ठीक कर स्थानीय लोगों में वह विश्वास जगा रही है कि वे अपने प्रतिष्ठानों को खोलें जो करीब तीन महीने से बंद पड़े हैं।

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सर्वाधिक संवेदनशील अनंतनाग जिले के प्रभारी कर्नल धर्मेन्द्र यादव अपनी जिम्मेदारी वाले क्षेत्र (एओआर) के दौरे पर स्थानीय लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और उनसे तथा खासतौर पर बच्चों से बातचीत कर रहे हैं। वहां से गुजरते समय कर्नल यादव और उनकी टीम का अकसर ग्रामीण और बच्चे अभिनंदन करते हैं। शिक्षक गुलाम मोहिउद्दीन ने कहा, जिले के कई इलाकों में उन्होंने नि:संदेह कानून-व्यवस्था बहाल की है। सैन्यकर्मियों ने उन्हें अस्थायी स्कूल में बच्चों को शिक्षा देने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि उनकी शिक्षा प्रभावित नहीं हो।

गुड़गांव निवासी कर्नल यादव अकसर गांव के बुजुर्गों से मुलाकात करते हैं और उन्हें प्यार से गले लगाते हैं जिसे वह जादू की झप्पी बताते हैं। उन्होंने बताया, कई बार नागरिकों से संपर्क बनाने के लिए हमें ऐसा करना होता है। कुछ समय पहले मैंने मुन्ना भाई एमबीबीएस देखी थी। फिल्म हिट थी और इसका फॉर्मूला भी। कर्नल यादव उस टीम का हिस्सा थे जिसने बुमदूरा गांव में बुरहान वानी और उसके दो सहयोगियों को मुठभेड़ में मार गिराया था। बहरहाल उन्होंने मुठभेड़ का ब्यौरा साझा नहीं किया और कहा, यह मेरी ड्यूटी का हिस्सा था और ऑपरेशन के ब्यौरे को हम साझा नहीं करते। मामला खत्म हो गया।

इस महीने की शुरूआत में सेना द्वारा दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन काम डाउन शुरू करने के बाद कर्नल यादव ने अंदरूनी हिस्से की अधिकतर संपर्क सड़कों का निर्माण कराया जो राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ी हुई हैं।  उन्होंने कहा, संपर्क मार्ग को जोड़ना आवश्यक था और स्कूलों को खोलना भी जरूरी था क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि बच्चे संघर्ष से पीड़ित हों।

बगल के गांव रेनपुरा में दुकान चलाने वाली राजा बेगम आवश्यक सामग्रियां बेचती हैं। उन्होंने कहा, मेरे पति कुछ और स्टॉक लाने के लिए श्रीनगर गए हुए हैं। यहां की स्थिति अच्छी है लेकिन मैं निश्चित रूप से नहीं बता सकती कि वह कब लौटेंगे क्योंकि घाटी के दूसरे हिस्से में स्थिति अच्छी नहीं है।

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