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Hindi News भारत राष्ट्रीय केरल में कोरोना वायरस से 308 लोगों की मौत, सामने आए 4,280 नए मामले

केरल में कोरोना वायरस से 308 लोगों की मौत, सामने आए 4,280 नए मामले

केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,280 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 51,02,125 हो गई। केरल के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक गत 24 घंटे के दौरान कोविड-19 से 308 मरीजों की मौत दर्ज की गई।

Kerala Clocks 4,280 New COVID-19 Cases, 308 Deaths- India TV Hindi Image Source : PTI केरल में पिछले एक दिन में कोविड-19 से 308 मरीजों की मौत दर्ज की गई है।

Highlights

  • राज्य में कोरोना महामारी से पीड़ित होने के बाद अब तक 50,23,658 लोग ठीक हो चुके हैं।
  • केरल में पिछले 24 घंटे में दर्ज हुई 308 मौत में से 35 पिछले कुछ दिन में हुई।
  • केरल सरकार ने हाईकोर्ट से कहा है कि कोविड-19 बाद की जटिलताओं का असीमित मुफ्त उपचार प्रदान नहीं किया जा सकता।

तिरुवनंतपुरम: केरल में पिछले एक दिन में कोविड-19 से 308 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, केरल में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 4,280 नए मामले सामने आए जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 51,02,125 हो गई। केरल के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक गत 24 घंटे के दौरान कोविड-19 से 308 मरीजों की मौत दर्ज की गई जिन्हें मिलाकर कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 38,353 हो गई। 

विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में कोरोना महामारी से पीड़ित होने के बाद अब तक 50,23,658 लोग ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 51,302 मरीज उपचाराधीन हैं। केरल में पिछले 24 घंटे में दर्ज हुई 308 मौत में से 35 पिछले कुछ दिन में हुई और 273 को केंद्र सरकार तथा सुप्रीम कोर्ट के नए दिशा निर्देशों पर आधारित अपील प्राप्त होने के बाद, कोविड-19 से हुई मौत घोषित किया गया।

इस बीच केरल सरकार ने केरल हाईकोर्ट से कहा है कि राज्य के वित्तीय संकट को देखते हुए सभी श्रेणी के लोगों के वास्ते कोविड-19 बाद की जटिलताओं का असीमित मुफ्त उपचार प्रदान नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार ने यह बात अदालत की इस टिप्पणी के जवाब में कही कि जब कोरोना वायरस की जांच निगेटिव आने के 30 दिनों के बाद भी मृत्यु को एक कोविड-19 से ​​​​मौत के रूप में माना जाता है, तो उसी तर्क से कोविड-19 बाद ​​की ​​जटिलताओं के लिए उपचार भी कोरोना देखभाल के तहत होना चाहिए। 

न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन और न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ की पीठ ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि उसने गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों के लिए कोविड-19 बाद की ​​​​जटिलताओं के लिए उपचार शुल्क क्यों तय किया। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ सरकारी वकील एस कन्नन कर रहे थे। राज्य सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में बुधवार को पीठ को बताया कि उसने ‘‘बीपीएल, केबीएफ और केएएसपी लाभार्थियों को मुफ्त में कोविड-19 जांच, उपचार और कोविड-19 बाद जटिलताओं के लिए उपचार प्रदान करने के लिए एक नीतिगत निर्णय लिया है।’’

राज्य सरकार ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पतालों में भुगतान वाले वार्ड के लिए प्रतिदिन 750 रुपये की दर है। सामान्य वार्ड में एक बिस्तर के लिए स्टॉपेज चार्ज के रूप में मरीजों से केवल 10 रुपये वसूले जाते हैं। इसलिए, यह रोगी की पसंद है कि वह इलाज के लिए किसी निजी अस्पताल में जाए या किसी सरकारी अस्पताल के भुगतान वाले वार्ड या सामान्य वार्ड में।

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