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Hindi News भारत राष्ट्रीय 25 साल से कम उम्र में ही जयप्रकाश नारायण की कार्यकारणी में शामिल हो गए थे अरुण जेटली

25 साल से कम उम्र में ही जयप्रकाश नारायण की कार्यकारणी में शामिल हो गए थे अरुण जेटली

भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली के चले जाने की खबर के बाद पूरे देश में गम के बादल छा गए हैं और तमाम लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। विभाजन के बाद लाहौर से भारत आए एक सफल वकील के बेटे जेटली ने कानून की पढ़ाई की थी।

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नई दिल्ली: भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली के चले जाने की खबर के बाद पूरे देश में गम के बादल छा गए हैं और तमाम लोगों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। विभाजन के बाद लाहौर से भारत आए एक सफल वकील के बेटे जेटली ने कानून की पढ़ाई की थी। अरुण जेटली देश की राजनीति के कद्दावर नेता थे जिन्होंने जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी को फर्श से अर्श तक की यात्रा तय करते देखा है।

अटल बिहारी वाजपेयी हों या नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली हर प्रधानमंत्री के विश्वस्त सिपहसलार थे। दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) से बीकॉम करने के बाद डीयू के ही लॉ फैक्लटी से एलएलबी की। 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े अरुण जेटली 1974 में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष बने। अरुण जेटली एक स्टार छात्र नेता, शानदार डिबेटर थे। 1973 में जयप्रकाश नारायण और राज नारायण के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी मूहिम में अरुण जेटली बतौर छात्र नेता बड़ी भूमिका निभा रहे थे। जयप्रकाश नारायण ने नेशनल स्टूडेंट कमेटी ऑफ यूथ ऑर्गेनाइजेशन के संयोजक के तौर पर 25 वर्ष से कम उम्र के अरुण जेटली को चुना। 

इंदिरा गांधी ने जब देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी तब जेटली डूसू प्रेसीडेंट थे। 19 महीने के लिए जेल में भी रहे। एक काबिल वकील और एक कुशल वक्ता के तौर पर अरुण जेटली छात्र राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति की सफल यात्रा के शानदार उदाहरण हैं।

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