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जानें क्या है डेरा सच्चा सौदा का इतिहास

डेरा सच्चा मुख्यालय में इसके 400 अनुयाइयों की एक प्रक्रिया के तहत यौन क्षमता खत्म करने का मामला भी सामने आया था। इस मामले के एक पीड़ित ने बताया कि ऐसा अनुयाइयों को कथित रूप से ईश्वर के नजदीक लाने के लिए किया गया। बाबा राम रहीम सिरसा के डेरा सच्चा सौद

Dera Sacha Sauda- India TV Hindi Dera Sacha Sauda

नई दिल्ली: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को हरियाणा के पंचकूला स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो की अदालत ने साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया है। इस फैसले के बाद से जहां एक तरफ हिंसा भड़क उठी है तो वहीं दूसरी तरफ लोग इस डेरा सच्चा सौदा का इतिहास जानने को उत्सुक हो रहे हैं। जिस डेरा सच्चा सौदा के समर्थक खुलकर मनमानी कर रहे हैं, वह एक सामाजिक कल्याण एवं आध्यात्मिक संगठन है जिसकी स्थापना मस्ताना बलूचिस्तानी नामक एक साधु ने 29 अप्रैल 1948 को एक आध्यात्मिक शिक्षा केंद्र के रूप में की थी। ये भी पढ़ें: VIDEO: राम रहीम का रहस्यमयी साम्राज्य, देखें डेरा में बाबा का अनदेखा शहर

प्राप्त जानकारी के अनुसार इसे स्थापित करने वाले बाबा मस्ताना बलूचिस्तानी को उनके समर्थक बेपरवाह मस्तानाजी महाराज के नाम से बुलाते थे। बाबा मस्ताना बलूचिस्तानी का 18 अप्रैल 1960 को निधन हो गया जिसके बाद 1960 से 1990 तक शाह सतनाम जी महाराज डेरा प्रमुख रहे, और उन्होंने ही वर्ष 1990 में गुरमीत राम रहीम को डेरा प्रमुख बनाया। बताया जाता है उस वक्त राम रहीम की उम्र महज 23 वर्ष की थी। संत गुरमीत मूल रूप से राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गांव गुरुसर मौठिया के रहने वाले हैं। बीती 15 अगस्त को वह 50 वर्ष के हुए हैं।

डेरा सच्चा मुख्यालय में इसके 400 अनुयाइयों की एक प्रक्रिया के तहत यौन क्षमता खत्म करने का मामला भी सामने आया था। इस मामले के एक पीड़ित ने बताया कि ऐसा अनुयाइयों को कथित रूप से ईश्वर के नजदीक लाने के लिए किया गया। बाबा राम रहीम सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के करीब 27 वर्ष पहले प्रमुख बने थे जिन्हें शुक्रवार को पंचकूला की सीबीआई अदालत ने साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया है।

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