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Hindi News भारत राष्ट्रीय क्या होता है महिलाओं में ख़तना-प्रथा? रोकने के लिये मामला पहुंचा पीएम मोदी के पास

क्या होता है महिलाओं में ख़तना-प्रथा? रोकने के लिये मामला पहुंचा पीएम मोदी के पास

महिलाओं या बच्चियों का खतना धार्मिक कारणों से होता है और वो भी सुन्न किए बिना। अंग्रेजी में इसे एफ़जीएम यानी फीमेल जेनाइटल म्यूटिलेशन कहते हैं।

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अभी भी 29 देशों में जारी है प्रथा….

दुनिया में अब भी ऐसे 29 देश हैं जहां बच्चियों और महिलाओं में ख़तना जैसी परंपरा जारी है। अफ्रीका और मिडल ईस्ट के देशों में ये परंपरा बिल्कुल आम है।

1. मिस्र: यहां पर 9 से 12 साल की लड़कियों की ख़तना की जाती है। यहां पर 92 फीसदी महिलाएं इस प्रक्रिया से गुजर चुकी हैं।

2. फ्रेंच गुयाना: दक्षिण अफ्रीकी देश गुयाना में ख़तना हालंकि ग़ैरकानूनी है लेकिन फिर भी दुनिया में खतने के मामले में यह दूसरे नंबर पर है। यहां 5 से 49 साल की 96 फ़ीसद महिलाएं खतना की प्रक्रिया से गुजरीं चुकी हैं।

3. माली: माली में यह प्रक्रिया आम है। माली में 2006 में 15-49 साल की उम्र की 85.2 फ़ीसद महिलाएं इस प्रक्रिया से गुजरीं थी। माली में महिलाएं ख़तना को धार्मिक दृष्टि से ज़रूरी मानती हैं।

4. एरिट्रिया: इस देश में 2007 तक 89 फ़ीसद महिलाओं की ख़तना हुई थी लेकिन मार्च 2007 में सरकार ने इसके ख़िलाफ क़ानून बना दिया गया जिसमें जुर्माने से लेकर क़ैद तक की सज़ा का प्रावधान है। यहां भी महिलाएं ख़तना को धार्मिक दृष्टि से ज़रुरी मानती हैं।

5. सोमालिया: यहां पर 80 से 98 फ़ीसद महिलाओं की ख़तना होती है।  सोमालिया में 97.7 फ़ीसद महिलाएं और लड़कियां ख़तना की प्रक्रिया से गुजरी चुकी हैं। यहां पर 2012 में खतने पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन इस पर रोक नहीं लग पाई।

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