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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोलकाता: 14 छात्राएं जबरन रह रही थीं लड़कों के हॉस्टल में, इस्टीट्यूट ने सभी को निकाला

कोलकाता: 14 छात्राएं जबरन रह रही थीं लड़कों के हॉस्टल में, इस्टीट्यूट ने सभी को निकाला

जिन 14 छात्राओं को निकाला गया है वे जबरन लड़कों के लिए बने हॉस्टल में रह रही थीं। बार-बार कहने के बावजूद जब वह लड़कियों के लिए बने हॉस्टल में जाने पर राजी नहीं हुईं तो मजबूरन उक्त फैसला करना पड़ा।

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नई दिल्ली: कोलकाता के सत्यजित रे फिल्म एवं टेलीविज़न इंस्टिट्यूट (एसआरएफटीआई) एक बार फिर गलत वजहों से सुर्खियों में है। लड़कों के हॉस्टल में जबरन रहने के आरोप में एसआरएफटीआई ने 14 छात्राओं को निकाल दिया है। संस्थान प्रबंधन ने सुरक्षा का हवाला देकर छात्र और छात्राओं के हॉस्टल अलग करने का निर्णय लिया है। इसे लेकर तकरीबन एक हफ्ते से छात्राओं और संस्थान प्रबंधन के बीच विवाद चल रहा था। साथ ही पिछले कई हफ्तों से संस्थान के मेन गेट पर छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन भी जारी था। ये भी पढ़ें: मिल गया आरुषि का असली 'हत्यारा'!

क्या है मामला

एसआरएफटीआई ने एक साथ संस्थान की 14 छात्राओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यह अपने किस्म की पहली घटना है। प्रबंधन की दलील है कि जिन 14 छात्राओं को निकाला गया है वे जबरन लड़कों के लिए बने हॉस्टल में रह रही थीं। बार-बार कहने के बावजूद जब वह लड़कियों के लिए बने हॉस्टल में जाने पर राजी नहीं हुईं तो मजबूरन उक्त फैसला करना पड़ा।

वर्ष 2008 में संस्थान की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में छात्र व छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल बनाने का फैसला किया गया था। इसी के मुताबिक वर्ष 2015 में छात्राओं के लिए एक नया हॉस्टल बनाया गया। उससे पहले तक एक ही हॉस्टल के अलग-अलग हिस्सों में छात्र व छात्राएं साथ ही रहते थे।

उधर, एसआरएफटीआई निदेशक देबमित्रा मित्र का कहना है, ‘विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संस्थान के संचालक परिषद और शैक्षणिक परिषद ने हॉस्टल अलग करने का फैसला लिया है। कई बार कहने के बाद भी 14 छात्राएं बॉयज़ हॉस्टल खाली नहीं कर रही थीं। हमने उन्हें 48 घंटों की मोहलत दी थी और कहा था कि उन्हें कोर्स पूरा करने से रोक दिया जाएगा।’

मित्रा आगे बताती हैं, ‘प्रबंधन के इस फैसले के विरोध स्वरूप प्रदर्शन कर रही 12वें बैच की 14 में से तीन छात्राओं ने अपनी डिप्लोमा फिल्में जमा नहीं की। इनके साथ एकजुटता दिखाने के लिए छह और विद्यार्थियों ने भी ऐसा ही किया।’

12वें बैच की इन तीन छात्राओं में से एक ने बताया, ‘हॉस्टल अलग करने के नाम पर प्रबंधन हर दिन नए नियमों के साथ सामने आ रहा है, जो कि एक तरह की मोरल पुलिसिंग है। एक फिल्म संस्थान में हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। प्रबंधन सुरक्षा का हवाला देते हुए हॉस्टल अलग करने का दावा कर रहा है लेकिन हम वास्तव में जिन समस्याओं से जूझ रहे हैं वे उनसे बिल्कुल अनजान हैं।’

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