A
Hindi News भारत राष्ट्रीय क्या है कुंभ मेले का इतिहास, आखिर क्यों आता है 12 साल बाद'

क्या है कुंभ मेले का इतिहास, आखिर क्यों आता है 12 साल बाद'

नई दिल्ली: कुंभ मेले का इतिहास कम से कम 850 साल पुराना है। इस मेले के आयोजन को लेकर दो-तीन पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं जिनमें से सर्वाधिक मान्य कथा के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र

उसके बाद दैत्यगुरु शुक्राचार्य के आदेशानुसार दैत्यों ने अमृत को वापस लेने के लिए जयंत का पीछा किया। जयन्त स्वर्ग में आठ और पृथ्वी पर चार स्थानो पर कुम्भ लेकर भागा।

घोर परिश्रम के बाद दैत्यों ने बीच रास्ते में ही जयंत को पकड़ा। तत्पश्चात अमृत कलश पर अधिकार जमाने के लिए देव-दानवों में बारह दिन तक अविराम युद्ध होता रहा।

पृथ्वी पर जिन स्थानों पर इस भागदौड के दौरान आकाश से अमृत गिरा वहा प्रत्येक 12 वर्ष बाद कुम्भ पर्व मनाया जाता है।

इस परस्पर मारकाट के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर कलश से अमृत बूँदें गिरी थीं।

Latest India News