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Hindi News भारत राष्ट्रीय कमलनाथ सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों को दिए निर्देश, कहा- बच्चों को पढ़ाया जाए संविधान की प्रस्तावना का पाठ

कमलनाथ सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों को दिए निर्देश, कहा- बच्चों को पढ़ाया जाए संविधान की प्रस्तावना का पाठ

सीएए के खिलाफ कांग्रेस की संविधान बचाओ मुहिम की सियासी छाप अब मध्यप्रदेश के स्कूली बच्चों के जुबान पर संविधान के पाठ के जरिए कुछ इस तरह उभरने लगी है।

<p>Madhya Pradesh govt makes reading of Preamble mandatory...- India TV Hindi Madhya Pradesh govt makes reading of Preamble mandatory in schools

केंद्र सरकार के संविधान संशोधन अधिनियम को लेकर कांग्रेस की संविधान बचाओ मुहिम क्या मध्यप्रदेश के स्कूलों तक पहुंचाई जा रही है। सवाल इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के बाद कमलनाथ सरकार ने भी स्कूलों में बच्चों को संविधान की प्रस्तावना पाठ पढ़ाने का ऐलान कर दिया है। वो भी उस वक्त जब संवैधानिक तौर पर सीएए पास होने का बाद खुद कमलनाथ सरकार ने इसे मध्यप्रदेश में लागू करने से इन्कार कर दिया है। 

सीएए के खिलाफ कांग्रेस की संविधान बचाओ मुहिम की सियासी छाप अब मध्यप्रदेश के स्कूली बच्चों के जुबान पर संविधान के पाठ के जरिए कुछ इस तरह उभरने लगी है। ये सत्ता का ही दम है कि सीएए को मध्यप्रदेश में लागू करने से इन्कार ‌करने वाली कमलनाथ ने महाराष्ट्र की तर्ज पर हर शनिवार को मध्यप्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में हर शनिवार संविधान उद्देशिका का वाचन कराने का फैसला सुना दिया। उसी संविधान का जिसे कांग्रेस बीजेपी पर सीएए को लेकर धज्जियां उड़ाने की हुंकार भर रही है। 

दरअसल कमलनाथ सरकार ने आदेश जारी किया है कि मध्यप्रदेश के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में हर शनिवार को प्रार्थना के बाद स्कूल के शिक्षक संविधान की उद्देशिका का वाचन करेंगे और छात्र उसको दोहराएंगे।साढ़ ही हाइस्कूल ओर हायर सेकेंडरी के बच्चो को प्राचार्य ओरअध्यापक बालसभा दौरान प्रस्तावना पढ़ाई जाएगी। भोपाल केराजीव गांधी हाई सेकेंडरी स्कूल के अध्यापक ने इसके बारे में कहा कि बच्चों को बताना जरूरी है कि संविधान में क्या-क्या चीज है।

कमलनाथ सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का तर्क है कि केंद्र की बीजेपी सरकार ने CAA के जरिए संविधान से छेड़छाड़ की है। इसलिए देश के भविष्य बच्चों को पता होगा कि आखिर संविधान क्या है इसलिए ऐसा किया जा रहा है। इनका ये भी मानता है कि यदि बच्चे बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को पढ़ेंगे तो कोई संविधान से छेड़छाड़ की हिम्मत नहीं करेगा। 

लेकिन स्कूलों में बच्चों को संविधान का पाठ पढ़ाया जाना भी सियासी बयानबाजी का हिस्सा बन गया है। बीजेपी हालांकि इसका स्वागत तो कर रही है लेकिन कमलनाथ सरकार पर दोहरे चरित्र का आरोप भी लगा रही है। बीजेपी का मानना है कि जो कांग्रेस सरकार एक तरफ तो CAA लागू करने से इन्कार कर रही है तो दूसरी तरफ सिर्फ दिखावे के लिए बच्चों को संविधान की उद्देशिका का वाचन करा रही है। 

वहीं कमलनाथ सरकार की बच्चों को संविधान पढ़ाओ अभियान की तैयारी तमाम कांग्रेसी पार्षद करते नजर आ रहे हैं अपने क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में जाकर बच्चों को प्रस्तावना पढ़ाई जाए इस पर जोर दे रहे हैं। कह रहे हैं शसीएए माध्यम से संविधान में छेड़छाड़ की जा रही है इसलिए बच्चों को बताना जरूरी है संविधान सब धर्मों और जातियों को समान अधिकार देता है। बहरहाल CAA को लेकिन छिड़ी सियासी जंग के बीच मध्यप्रदेश के स्कूलों में बच्चों को संविधान उद्देशिका का वाचन कराना सवाल खड़े कर रहा है कि क्या सत्ता की सियासत शिक्षा के मंदिरों तक तो नहीं पहुंचाई जा रही ।

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