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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोरोना देवी की पूजा से चर्चा में आया केरल का व्यक्ति, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा की कर रहा है कामना

कोरोना देवी की पूजा से चर्चा में आया केरल का व्यक्ति, स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा की कर रहा है कामना

दुनियाभर में कोरोना वायरस संकट से पैदा हुई चिंताओं के बीच देश के विभिन्न हिस्सों से हाल ही में ‘कोरोना माई’ की पूजा की खबरें आई थी और अब कुछ ऐसा ही मामला केरल से सामने आया है जहां एक शख्स इस जानलेवा विषाणु की देवी के तौर पर पूजा कर रहा है।

<p>Corona Devi</p>- India TV Hindi Image Source : FILE Corona Devi

कोल्लम। दुनियाभर में कोरोना वायरस संकट से पैदा हुई चिंताओं के बीच देश के विभिन्न हिस्सों से हाल ही में ‘कोरोना माई’ की पूजा की खबरें आई थी और अब कुछ ऐसा ही मामला केरल से सामने आया है जहां एक शख्स इस जानलेवा विषाणु की देवी के तौर पर पूजा कर रहा है। उसके इस कदम की सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है। तस्वीरों में यहां कडक्कल में अनिलान के घर में पूजा एक बड़े से कमरे में दुनियाभर में लाखों और भारत में तीन लाख से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुके विषाणु ‘सार्स सीओवी2’ की थर्माकोल से बनी प्रतिकृति दिखाई दे रही है जो लाल रंग की है। उसने कहा, ‘‘मैं देवी के तौर पर कोरोना वायरस की पूजा कर रहा हूं और स्वास्थ्य पेशेवरों, पुलिसकर्मियों और वैज्ञानिकों, दमकलकर्मियों और मीडिया कर्मियों तथा इस विषाणु के खिलाफ लड़ाई में जुटे अन्य लोगों के लिए रोज पूजा कर रहा हूं।’’

सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने की परवाह किए बगैर अनिलान ने कहा कि लोग ‘कोरोना देवी’ की पूजा करने के लिए उनका मजाक उड़ा रहे हैं। उसने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह जागरूकता पैदा करने का मेरा तरीका है।’’ सोशल मीडिया पर कई लोगों ने उसके मकसद पर सवाल उठाए हैं जबकि अन्यों का कहना है कि वह महज चर्चा में आने के लिए ऐसा कर रहा है और कुछ ने इसे अंधविश्वास बताया है। धार्मिक स्थलों को खोलने के सरकार के फैसले का विरोध करने वाले अनिलान ने कहा कि लोग अपने घरों में रह सकते हैं और पूजा कर सकते हैं। उसने कहा कि ऐसे वक्त में जब विषाणु पर लगाम नहीं लगायी जा सकी है तो लोगों को धार्मिक स्थानों पर जाने की अनुमति देने से तबाही मचेगी। 

अनिलान श्रद्धालुओं को पूजा करने के लिए अपने घर आने और ‘कोरोना देवी’ पर पैसे चढ़ाने के लिए प्रेरित नहीं करता है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखक, आलोचक और वक्ता सुनील पी इलायीडम ने कहा, ‘‘एक तरफ तो हमारे समाज और उसके लोगों को उनके ज्ञान तथा डिग्रियों के लिए जाना जाता है और वे शिक्षक, प्रोफेसर, तकनीकी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक तथा पेशेवर बनते हैं। वहीं हम ऐसे अंधविश्वास पर अब भी यकीन रखते हैं।’’ गौरतलब है कि बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कई ग्रामीण इलाकों में लोगों को इस महामारी के खात्मे के लिए ‘कोरोना देवी’ की पूजा करते हुए देखा गया है। 

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