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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'पहले बिरयानी खाई थी, अब क्या हलीम खाएंगे?', NSA अजीत डोभाल के कश्मीर दौरे पर महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट

'पहले बिरयानी खाई थी, अब क्या हलीम खाएंगे?', NSA अजीत डोभाल के कश्मीर दौरे पर महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर डोभाल के कश्मीर दौरे पर तंज कसा गया।

Mehbooba Mufti tweet on NSA Ajit Doval Kashmir visit- India TV Hindi Mehbooba Mufti tweet on NSA Ajit Doval Kashmir visit

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त के किए जाने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल बुधवार को हालातों का जायजा लेने और सरकारी योजनाओं के सुगम क्रियान्वयन के लिए आगे की रणनीति तय करने के उद्देश्य से एक बार फिर कश्मीर घाटी पहुंचे हैं। ऐसे में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर डोभाल के कश्मीर दौरे पर तंज कसा गया।

इससे पहले कि हम आपको उनका ट्वीट दिखाए, आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द करने के ऐलान से ही महबूबा मुफ्ती समेत कश्मीर के कई नेता हिरासत में हैं। ऐसे में जाहिर है कि महबूबा मुफ्ती का ट्विटर हैंडल किसी और के द्वारा चलाया जा रहा है। जिसके जरिए, अजीत डोभाल को लेकर ट्वीट में लिखा गया कि "पिछली बार अनजान कश्मीरियों के साथ "बिरयानी" फोटो सेशन था। इस बार मेनू में क्या है? हलीम?"

Mehbooba Mufti's tweet 

वहीं, दूसरी ओर डोभाल की कश्मीर यात्रा को लेकर अधिकारियों ने बताया कि डोभाल प्रमुख सुरक्षा अधिकारियों से मिलकर राज्य में सुरक्षा और विकास संबंधी गतिविधियों का जायजा लेंगे। हालांकि, अभी यह जानकारी नहीं दी गई है कि डोभाल का घाटी दौरा कितना लंबा रहेगा। बता दें कि जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बंट जाएगा।

केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान को रद्द करने और राज्य को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटने के फैसले की घोषणा किये जाने के बाद एनएसए 11 दिनों तक घाटी में ही रुके थे। इस दौरान उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सरकार के फैसले के बाद कोई हिंसा न हो। अपने पिछले प्रवास के दौरान उन्होंने आतंकवाद प्रभावित दक्षिण कश्मीर के शोपियां और श्रीनगर के पुराने इलाकों का दौरा किया था। 

उन्होंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सेना के जवानों को अलग-अलग संबोधित किया था और प्रभावित इलाकों में उनकी सफलता को रेखांकित करते हुए उन्हें देश और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका का महत्व बताया। एनएसए सभी सुरक्षा एजेंसियों के बीच सुगम समन्वय सुनिश्चित करने और नियंत्रण रेखा पर स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

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