नयी दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द एक ऐसा अध्यादेश लेकर आ रही है जिससे रिजर्व बैंक को सशक्त किया जा सकेगा, जिससे वह प्रभावी तरीके से बैंकिंग क्षेत्र में बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या से निपट सकेगा।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश के जरिये बैंकिंग नियमन कानून की धारा 35 ए में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस संशोधन के बाद रिजर्व बैंक ऋण चूककर्ताओं से कर्ज की वसूली के लिए बैंकों को निर्देश जारी कर सकेगा। धारा 35ए के तहत रिजर्व बैंक को जनहित और जमाकर्ताओँ के हित में बैंकों को निर्देश जारी करने का अधिकार होता है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरण जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि मंत्रिमंडल ने बैंकिंग क्षेत्र के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की परंपरा है कि जब किसी प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो उसके ब्योरे का खुलासा उस पर मंजूरी से पहले नहीं किया जा सकता है। जेटली ने कहा कि जैसे ही इस पर मंजूरी मिलेगी, इसका ब्योरा साझा किया जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकांे का डूबा कर्ज या एनपीए 6 लाख करोड़ रपये के भारी-भरकम आंकड़े पर पहुंच चुका है। बीते वित्त वर्ष के पहले नौ माह में सरकारी बैंकांे के डूबे कर्ज में एक लाख करोड़ रपये से अधिक का इजाफा हुआ। 31 मार्च, 2016 तक यह 6.07 लाख करोड़ रपये हो गया था।
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