A
Hindi News भारत राष्ट्रीय चाणक्य नीति: स्त्रियों में होते हैं ये स्वाभाविक दोष

चाणक्य नीति: स्त्रियों में होते हैं ये स्वाभाविक दोष

आचार्य ने समय-समय पर आम मानवीय स्वभाव, गुण-दोष, स्त्री चरित्र और बुरे समय को भांपने के संकेतों के बारे में विस्तार से बताया है। वहीं उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर स्त्रियों के स्वभाव के संबंध में भी तमाम बातें बताई हैं।

chanakya- India TV Hindi chanakya

नई दिल्ली: धर्मनीति और कूटनीति का पाठ दुनियाभर को पढ़ाने वाले कौटिल्य यानी आचार्य चाणक्य ने ऐसी तमाम बातें साझा की हैं जिन्हें अगर आज के समय में नसीहत के तौर पर लिया जाए तो हर किसी के लिए बेहतर साबित हो सकता है। आचार्य ने समय-समय पर आम मानवीय स्वभाव, गुण-दोष, स्त्री चरित्र और बुरे समय को भांपने के संकेतों के बारे में विस्तार से बताया है। वहीं उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर स्त्रियों के स्वभाव के संबंध में भी तमाम बातें बताई हैं। हमारे समाज में स्त्रियों को अलग अलग काल में अलग अलग तरह से चित्रित किया जाता रहा है, जहां मनुस्मृति में नारी को ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ की श्रेणी में रखा गया वहीं महाभारत के दौर में यह कहा गया कि ‘वह कुल तभी नष्ट हो जाता है, जब स्त्रियां दुखी रहती है।’

जैसा कि हमारे समाज में कहा जाता है कि घर सिर्फ आपके रहने भर से घर नहीं बन जाता है, बल्कि एक कुशल गृहिणी के दहलीज पर कदम रखने के बाद ही घर घर बनता है। आचार्य चाणक्य ने भी स्त्रियों पर काफी सारे श्लोक लिखे हैं। उन्होंने अपने काफी सारे श्लोक के जरिए स्त्रियों के स्वभाविक दोष बताने की कोशिश की है। आप भी जानिए आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों के किन दोषों की चर्चा की है।

झूठ और कपट- कहा जाता है कि झूठ बोलना बुरी बात होती है लेकिन अक्सर महिलाएं इस काम में निपुण होती हैं। वहीं महिलाएं अपने आप को सही ठहराने के लिए कपट का सहारा लेने से भी नहीं कतराती हैं। ये दोनों स्त्रियों के सबसे बड़े स्वाभाविक दोष माने जाते हैं। ज्ञानी लोग बताते हैं कि महिलाएं चाहकर भी इन दोषों से दूर नहीं रह पाती हैं।

अगली स्लाइड में पढ़ें आचार्य ने अन्य किन दोषों पर बात की है

Latest India News