नई दिल्ली: पनामा दस्तावेज की जांच करने वाले बहु-एजेंसी समूह ने सरकार को इस संबंध में तीन रिपोर्ट सौंपी। इस दस्तावेज में 500 भारतीयों का नाम उजागर किया गया था जिन्होंने कथित तौर पर विदेशी इकाइयों में धन जमा किया था।
राजस्व विभाग के मुताबिक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) भी विशेष जांच दल (एसआईटी) को नई सूचनाएं मुहैया कराता रहा है। एसआईटी का गठन काले धन से जुड़े मामलों की निगरानी के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर किया गया था। राजस्व विभाग के दस्तावेज के मुताबिक, बहु-एजेंसी समूह (एमएजी) ने सरकार को अब तक तीन रपट सौंपी हैं। काले धन पर गठित एसआईटी को इन मामलों में लगातार सूचनाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
सरकार ने यह पता लगाने के लिए अप्रैल में एमएजी का गठन किया था कि करचोरी की पनाहगाह पनामा में जमा धन कानूनी है या गैरकानूनी। एमएजी में आरबीआई, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, वित्तीय आसूचना इकाई और विदेशी कर एवं कर अनुसंधान विभाग के अधिकारी हैं।
राजस्व विभाग ने कहा कि एमएजी के गठन का उद्देश्य था पनामा दस्तावेज खुलासे में जिनके नाम उजागर हुए हैं उनके मामले में तेजी से मिलकर जांच करना। ऐसे मामलों की जांच संबंधित जांच एजेंसियां कर रही हैं और एमएजी प्रगति की निगरानी कर रही है।
कर अधिकारियों के क्षेत्रीय समम्मेलन में अघोषित विदेशी आय के मुद्दे पर चर्चा हुई और तेज कार्रवाई, अभियोजक पक्ष की शिकायत वाले मामलों पर उचित जानकारी हासिल करने और मांग वसूली के लिए प्रभावी कदम उठाने पर चर्चा हुई।
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