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Hindi News भारत राष्ट्रीय मुंबई में सड़कों पर नहीं दिखेंगी बेस्ट की बसें, रक्षाबंधन के दिन लोगों की परेशानी बढ़ी

मुंबई में सड़कों पर नहीं दिखेंगी बेस्ट की बसें, रक्षाबंधन के दिन लोगों की परेशानी बढ़ी

हड़ताल के ऐलान से पहले रविवार को महापौर के साथ हुई बेस्ट कर्माचारी यूनियन की वार्ता असफल हो गई। कर्मचारी तत्काल वेतन देने की अपनी मांग पर अड़े हैं। हालांकि 10 तारीख तक वेतन देने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन कर्मचारी यूनियन के नेता मौखिक नहीं आयुक्त

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नई दिल्ली: मुंबई में रहने वालों के लिए आज रक्षाबंधन के दिन भारी परेशानी हो सकती है। इसकी वजह है पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर होने वाली भारी दिक्कत। मुंबई में रविवार आधी रात से बेस्ट के करीब 36 हज़ार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इसकी वजह से देश की आर्थिक राजधानी की सड़कों से बेस्ट की बस गायब हो गईं हैं जिससे लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मुंबई के लिए लोकल ट्रेन के बाद बेस्ट बसें दूसरी सबसे बड़ी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा है। ये भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला

हड़ताल के ऐलान से पहले रविवार को महापौर के साथ हुई बेस्ट कर्माचारी यूनियन की वार्ता असफल हो गई। कर्मचारी तत्काल वेतन देने की अपनी मांग पर अड़े हैं। हालांकि 10 तारीख तक वेतन देने का आश्वासन दिया गया है, लेकिन कर्मचारी यूनियन के नेता मौखिक नहीं आयुक्त से लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं। अमूमन बेस्ट की बसों में लगभग 30 लाख लोग रोजाना सवारी करते हैं। पूरे राज्य में बेस्ट के कुल 36 हजार कर्मचारी हैं और तकरीबन 3600 बसें हैं।

बेस्ट के कर्मचारियों की मुख्य दो मांगे हैं जिनमें, बेस्ट को बीएमसी पूरी तरह से अंडरटेक कर ले और 3 महीने से बकाया सैलरी कर्मचारियों को दी जाना शामिल है। इसके अलावा यूनियन चाहती है कि प्राइवेट बसों को किराए पर लेने की रोक लगाई जाए। बेस्ट यूनियन का आरोप है कि पिछली मीटिंग में बेस्ट के कमिश्नर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि हर महीने की 10 तारीख को उन्हें सैलरी मिल जायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सोमवार को रक्षा बंधन का त्योहार है। इसे मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग घर से बाहर निकलते हैं। ऐसे में बेस्ट कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से बेस्ट बसों के सड़क पर न आने से लोगों को काफी तकलीफ का सामना कर पड़ रहा है। लोगों की तकलीफ को टालने और कर्मचारियों को हड़ताल पर न जाने के लिए मनाने का प्रयास विभिन्न स्तरों पर जारी हैं। अगर प्रयास सफल रहे, तो हड़ताल रद्द भी हो सकती है।

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