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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'अगर किसान केन्द्र की पेशकश पर विचार करें तो सरकार बातचीत को तैयार'

'अगर किसान केन्द्र की पेशकश पर विचार करें तो सरकार बातचीत को तैयार'

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अगर वे इन कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केन्द्र की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत को तैयार है।

Narendra Singh Tomar says, Govt ready to talk with farmers on 3 laws after unions' response on its o- India TV Hindi Image Source : PTI सरकार और किसानों के बीच अभी तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है और अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। 

नयी दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि अगर वे इन कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखने और इस दौरान संयुक्त समिति के माध्यम से मतभेद सुलझाने की केन्द्र की पेशकश पर विचार करने को तैयार हों तो सरकार आंदोलनरत किसानों के साथ बातचीत को तैयार है। सरकार और किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों के बीच अभी तक 11 दौर की बातचीत हो चुकी है और अंतिम बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद दोनों पक्षों में बातचीत बंद हो गई।

बता दें कि किसान केन्द्र द्वारा पिछले साल बनए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर नवंबर, 2020 के अंत से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। एक समारोह से इतर तोमर ने कहा कि सरकार किसानों और किसानी के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वह किसानों की आय दोगुनी करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है। 

वे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत की धमकी के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। टिकैत ने चेतावनी दी है कि अगर कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ संसद तक मार्च निकाला जाएगा। सरकार किसानों के साथ बातचीत शुरू करने का प्रयास कर रही है या नहीं, इस पर केन्द्रीय मंत्री तोमर ने कहा, ‘‘भारत सरकार किसानों से पूरी संवेदना के साथ चर्चा करती रही है। आज भी जब उनका कोई मत (विचार) आएगा, तो भारत सरकार हमेशा किसानों के साथ चर्चा करने को तैयार है।’’

बता दें कि राकेश टिकैत ने राजस्थान के सीकर में ऐलान किया था कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार आह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से तैयार रहने को कहा क्योंकि कभी भी दिल्ली जाने का आह्वान हो सकता है। 

टिकैत संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,'' कान खोलकर सुन ले दिल्ली, ये किसान भी वही हैं और ट्रैक्टर भी वही होंगे। अबकी बार आह्वान संसद का होगा। कहकर जाएंगे संसद पर। इस बार चार लाख नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे।''

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