नई दिल्ली: भारतीय सेना को बोफोर्स तोपों के करीब 3 दशक बाद नई तोपें मिलेगी। 145 एम 777 तोपें इस हफ्ते तक सेना में शामिल हो जाएंगी। अमेरिकी कंपनी बीएई से खरीदी जा रही ये आर्टिलिरी समझौते के तहत एक महीने पहले ही भारत आ जाएंगी। इस खेप में अभी दो ही तोपें आएंगी। जिनका परीक्षण 155 एमएम/39 कैलिबर अल्ट्रा लाइट हॉविटजर्स (यूएलएच) तोपों का गुरुवार को राजस्थान के पोखरण स्थित फायरिंग रेंज में परीक्षण किया जाएगा। (नहीं रहे केंद्रीय मंत्री अनिल माधव, PM मोदी ने जताया शोक)
आपको बता दें कि बोफोर्स तोपो में दलाली का आरोप लगा था। पिछले साल 30 नवंबर को भारत ने इन तोपों को खरीदने के लिए अमेरिका के साथ समझौता किया था। 17 नवंबर को केंद्रीय कैबिनेट को इस समझौते को मंजूरी मिली थी। बताया जा रहा है कि इन तोपों के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद से उसकी ताकत बढ़ जाएगी।
सरकार ने पिछले साल 26 जून को 145 तोपों के लिए एक समझौते की घोषणा की थी। फॉरेन मिलिट्री सेल्स (एफएमएस) के तहत सरकार से सरकार के बीच हुई 2900 करोड़ रुपये की यह डील पिछले साल नवंबर में पूरी हुई थी।
आपको बता दें कि साल 1980 में हुए स्वीडिश कंपनी से बोफोर्स तोपें खरीदी गई थीं। लेकिन इस सौदे को लेकर काफी विवाद हुआ था और तत्कालीन केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लग गया था। उसके बाद भारतीय सेना के तोपखाने को आधुनिक बनाने के लिए कोई सौदा नहीं किया गया जिसकी काफी समय से जरूरत महसूस की जाती रही है। हालांकि कारगिल युद्ध के समय बोफोर्स तोपों के दम पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को पीछे धकेलने पर मजबूर कर दिया था।
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