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Hindi News भारत राष्ट्रीय भारत की लैब में वैज्ञानिकों ने बनाई अंगूर की नई किस्म, किसानों में जबर्दस्त उत्साह

भारत की लैब में वैज्ञानिकों ने बनाई अंगूर की नई किस्म, किसानों में जबर्दस्त उत्साह

पुणे के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान आघारकर अनुसंधान संस्थान ने रसीले अंगूर की एक नई किस्म विकसित की है।

Grapes, Indian Grapes, Grapes Wine, Grapes New Variety, India New Grapes- India TV Hindi पुणे के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान आघारकर अनुसंधान संस्थान ने रसीले अंगूर की एक नई किस्म विकसित की है। Pixabay Representational

नई दिल्ली: भारत में तमाम तरह के फल पाए जाते हैं, और अंगूर उनमें से एक है। भारतीय अंगूरों की कुछ किस्में दुनिया में सबसे अच्छी किस्मों में गिनी जाती हैं। इसके साथ ही अंगूरों की नई किस्मों को विकसित करने पर भी लगातार काम होता रहता है। ताजा खबर पुणे से है, जहां स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्त संस्थान आघारकर अनुसंधान संस्थान ने रसीले अंगूर की एक नई किस्म विकसित की है जिसमें कमाल की खूबियां हैं। अंगूर की यह नई किस्म फफूंदरोधी होने के साथ-साथ बेहतर पैदावार भी देने वाली है।

रसीले अंगूर की यह किस्म जूस, जैम और रेड वाइन बनाने में बेहद उपयोगी है, इसलिए किसान अंगूर की इस वेरायटी को लेकर लेकर काफी उत्साहित हैं। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान के जरिए बताया कि अंगूर की यह संकर प्रजाति ARI-516 दो विभिन्न किस्मों अमरीकी काटावाबा तथा विटिस विनिफेरा को मिलाकर विकसित की गई है और यह बीज रहित होने के साथ ही फफूंदरोधी भी है। मंत्रालय के अनुसार, MACS-ARI द्वारा अंगूर की कई संकर प्रजातियां विकसित की गई हैं जो कीट ओर रोग रोधी होने के साथ ही अपनी गुणवत्ता के लिए भी जानी जाती हैं। 

महाराष्ट्र एसोसिएशन फॉर कल्टिवेशन साइंस (एमएसीएस)-एआरआई की कृषि वैज्ञानिक डॉ.सुजाता तेताली द्वारा विकसित की गई अंगूर की यह किस्म 110-120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है। बयान के अनुसार, घने गुच्छेदार अंगूर की यह किस्म महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल की जलवायु में उगाने के लिए अनुकूल है। भारत दुनिया के प्रमुख अंगूर उत्पादक देशों में शुमार है और भारतीय अंगूर की विदेशों में काफी मांग रहती है।

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