A
Hindi News भारत राष्ट्रीय प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ है नीति आयोग

प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ है नीति आयोग

नौकरियों में आरक्षण पर बहस में शामिल होते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि वह इस नीति का निजी क्षेत्र में विस्तार करने के पक्ष में नहीं हैं

rajiv kumar- India TV Hindi rajiv kumar

नई दिल्ली: नौकरियों में आरक्षण पर बहस में शामिल होते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि वह इस नीति का निजी क्षेत्र में विस्तार करने के पक्ष में नहीं हैं। इसके साथ ही कुमार ने स्वीकार किया कि अधिक रोजगार सृजन के लिए और प्रयास करने की जरूरत है।

कई राजनीतिक दलों के नेता निजी क्षेत्र की नौकरियों में अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षण की वकालत कर रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा कि निजी क्षेत्र में नौकरियों में आरक्षण नहीं होना चाहिए।

हालांकि, उन्होंने अधिक रोजगार के सृजन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर साल 60 लाख लोग श्रम बाजार में शामिल हो रहे हैं। सरकार इनमें से 10 से 12 लाख लोगों को ही रोजगार दे पा रही है। कुछ लोग अनौपचारिक क्षेत्र में रोजगार पा लेते हैं। अब यह भी परिपूर्ण हो चुका है। ऐसे में विभिन्न वर्गों के लोगों की ओर से शिकायतें आ रही हैं।

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने हाल में निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग की थी। पूर्व में भी कई राजनीतिक दल इसी तरह की मांग रख चुके हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पिछले साल निजी क्षेत्र में आरक्षण की वकालत की थी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कुछ माह पूर्व निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था, यदि आज आर्थिक उदारीकरण के दौर में निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं दिया जा रहा है तो यह सामाजिक न्याय की अवधारणा के साथ मजाक होगा।

हालांकि, कई उद्योग संगठन लगातार कहते रहे हैं कि निजी क्षेत्र में आरक्षण से वृद्धि के रास्ते में अड़चन आएगी। कुशल श्रम की कमी होगी जिससे निवेश आकर्षित नहीं किया जा सकेगा।

Latest India News