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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली में नही मिला बेड तो एबुलेंस लेकर मुंबई पहुंची संदिग्ध गर्भवती कोरोना संक्रमित मरीज

दिल्ली में नही मिला बेड तो एबुलेंस लेकर मुंबई पहुंची संदिग्ध गर्भवती कोरोना संक्रमित मरीज

दिल्ली की रहने वाली खुश्बू मिश्रा सांस लेंने की तकलीफ़ के चलते जब वो दिल्ली के अस्पतालो में पहुंची तो उन्हें वहां बेड नहीं मिला।

No beds in Delhi, pregnant corona infected patient arrives in Mumbai- India TV Hindi Image Source : INDIA TV दिल्ली की रहने वाली खुश्बू मिश्रा सांस लेंने की तकलीफ़ के चलते जब वो अस्पतालो में पहुंची तो उन्हें वहां बेड नहीं मिला।

मुंबई: दिल्ली की रहने वाली खुश्बू मिश्रा सांस लेंने की तकलीफ़ के चलते जब वो दिल्ली के अस्पतालो में पहुंची तो उन्हें वहां बेड नहीं मिला। एक के बाद दूसरे कई असपतालो में खुशबू घूमती रही लेकिन उसे कहीं बेड नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपने किसी रिश्तेदार से मुंबई में बात की और सीधे दिल्ली से एंबुलेंस लेकर  मुंबई पहुंच गई। मुंबई से सटे नवी मुंबई में उन्होंने खारघर के अपेक्स अस्पताल में दाखिला लिया।

फिलहाल खुशबू का इलाज चल रहा है। खुशबू 7 महीने की प्रेग्नेंट है और इनके चेस्ट में इंफेक्शन है, साथ ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। खुशबू की कोरोना वायरस जांच के लिए RT-PCR टेस्ट कराया गया है जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।

इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन संकट का समाधान होने के बाद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में भारी वृद्धि की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा अस्पतालों के आईसीयू में 800 नए बिस्तर जोड़े जाने की संभावना है। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करे कि राष्ट्रीय राजधानी को आवंटन आदेश के अनुरूप निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो। 

अदालत ने कहा कि केंद्र के ऑक्सीजन आवंटन आदेश का कड़ा अनुपालन होना चाहिए और ऐसा न करने पर आपराधिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि हरियाणा जैसे दूसरे राज्यों के संयंत्रों से दिल्ली को ऑक्सीजन आवंटन के केंद्र के फैसले का स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मान नहीं किया जा रहा है और इसे तत्काल सुलझाने की जरूरत है। 

अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह ऑक्सीजन ला रहे वाहनों को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध कराए और समर्पित कॉरिडोर स्थापित करे। उच्च न्यायालय की यह टिप्पणी तब आई जब दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि हरियाणा के पानीपत से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति को वहां की स्थानीय पुलिस अनुमति नहीं दे रही है। दिल्ली सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ संयंत्रों से भी ऑक्सीजन का लेकर नहीं आने दिया गया। 

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