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Hindi News भारत राष्ट्रीय मार्च के महीने में पूरे उत्तर भारत में गर्मी का जून जैसा तांडव

मार्च के महीने में पूरे उत्तर भारत में गर्मी का जून जैसा तांडव

मार्च का आखिरी महीना चल रहा है लेकिन मौसम ऐसा हो गया है जैसे मई-जून का महीना चल रहा हो. प्रचंड गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.

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मार्च का आखिरी महीना चल रहा है लेकिन मौसम ऐसा हो गया है जैसे मई-जून का महीना चल रहा हो. प्रचंड गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. राजस्थान से लेकर राजधानी दिल्ली-लखनऊ और भोपाल तक हाल बुरा है. देश के अधिकतम राज्यों में पारा चालीस के पार पहुंच चुका है. कमोबेश दिल्ली का भी हाल यही है. बुधवार को दिल्ली में गर्मी का सात साल का रिकॉर्ड टूट गया. 

राजधानी दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में इस समय गर्मी ऐसे पड़ रही है जैसे लग रहा है मई-जून का महीना हो. दिल्ली के कुछ इलाकों में बुधवार को पारा 40 डिग्री के पार तक पहुंच गया. कल पारा थोड़ा गिरा लेकिन मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो आने वाले दिनों में हाल ज्यादा बुरा होने वाला है. कई दिन तो ज्यादा तापमान झेलना पड़ सकता है. उत्तर भारत में तापमान दो डिग्री बढ़ने की आशंका है. अगले कुछ दिनों में लू भी चलने की आशंका जताई जा रही है. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से जल्दी गर्मी आ गई और मार्च में भी जून जैसा अहसास हो रहा है.

राजधानी दिल्ली का पारा बढ़ने का सबसे बड़ी वजह राजस्थान की तरफ से चलने वाली हवाएं हैं. इन्हीं गर्म हवाओं ने दिल्ली के साथ साथ यूपी के भी टेम्प्रेचर को बढ़ा दिया है. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक ये गर्म हवाएं एंटी साइक्लोनिक हवाएं हैं.

पिछले दिनों में राजस्थान से चलने वाली एंटी साइक्लोनिक हवाओं ने दिल्ली के पालम का तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया वहीं जब ये एंटी साइक्लोनिक हवाएं यूपी की तरफ बढ़ीं तो यूपी के कुछ शहरों का पारा 38 डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया. ये हवाएं जब कई जगहों से होकर गुजरती हैं तो घूमने लगती हैं. इन्हीं घुमाव को कारण एक लाइन बनती है जिसे रिज पैटर्न कहा जाता है.

मौसम विभाग ने ये भी भविष्यवाणी की है इस बार गर्मी के पुराने  रिकॉर्ड टूट सकते हैं. दिल्ली के लोग मई-जून में जोरदार गर्मी के लिए तैयार रहें.  

नवाबों की नगरी यूपी की राजधानी में भी गर्मी का असर साफ दिखने लगा है. कोई पानी पीकर प्यास बुझा रहा है तो कोई बेल का शरबत पीकर. अमूमन ऐसे नजारे मई-जून में दिखते हैं लेकिन मार्च के आखिरी दिनों में लखनऊ का ये हाल है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर 30 मार्च को ये हाल है तो मई और जून कैसा होगा.

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