A
Hindi News भारत राष्ट्रीय एनएसओ रिपोर्ट में पेयजल उपयोग, साक्षरता और दिव्यांगता का जिक्र, किए गए ये दावा

एनएसओ रिपोर्ट में पेयजल उपयोग, साक्षरता और दिव्यांगता का जिक्र, किए गए ये दावा

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 94.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 97.5 फीसदी परिवारों ने बोतल में, ट्यूबवेल, टैंकर और पाइप से आने वाले शोधित पेयजल का उपयोग किया।

<p>एनएसओ रिपोर्ट में...- India TV Hindi एनएसओ रिपोर्ट में पेयजल उपयोग, साक्षरता और दिव्यांगता का जिक्र, क्या दावे किए गए ?

नई दिल्ली: राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में 94.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 97.5 फीसदी परिवारों ने बोतल में, ट्यूबवेल, टैंकर और पाइप से आने वाले शोधित पेयजल का उपयोग किया। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के विभाग एनएसओ ने जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच पेयजल और स्वच्छता आदि का सर्वेक्षण कराया था। 

सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 94.5 प्रतिशत और नगरीय इलाकों में 97.4 प्रतिशत परिवारों ने शोधित पेयजल का प्रयोग किया। सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 42.9 प्रतिशत परिवारों ने पेयजल के मुख्य स्रोत के रूप में चापाकल का इस्तेमाल किया और शहरी इलाकों में 40.9 प्रतिशत लोगों ने पाइप से आने वाले पानी का पेयजल के रूप में इस्तेमाल किया। रिपोर्ट के मुताबिक 48.6 फीसदी ग्रामीण परिवारों और 57.5 फीसदी शहरी परिवारों के पास पेयजल का स्रोत है। 

सर्वेक्षण के मुताबिक 58.2 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों और 80.7 प्रतिशत शहरी परिवारों के घर में ही पेयजल की सुविधा है। वहीं, जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच किए गए सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक देश में सात वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों में साक्षरता दर 77.7 प्रतिशत है। एनएसओ की ओर से शनिवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में 73.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 87.7 प्रतिशत साक्षरता दर है।

सर्वेक्षण के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में 15 वर्ष और इससे अधिक आयु वर्ग के 30.6 प्रतिशत लोगों ने माध्यमिक या उससे आगे की पढ़ाई की है जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 57.5 प्रतिशत है। भारत में 15 वर्ष से अधिक आयु वाले करीब 10.6 प्रतिशत लोगों ने स्नातक या उससे ऊपर की पढ़ाई की है। गांवों के 5.7 प्रतिशत और शहरों के 21.7 प्रतिशत लोगों ने उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

इसके अलावा शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार जुलाई से दिसंबर 2018 के बीच देश की कुल जनसंख्या में 2.2 प्रतिशत दिव्यांगजन थे। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के विभाग एनएसओ ने जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच दिव्यांगजनों का सर्वेक्षण कराया था जो कि राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 76वें सर्वेक्षण का एक भाग था।

रिपोर्ट में बताया गया कि पुरुषों में दिव्यांगता का प्रतिशत 2.4 था जबकि महिलाओं में यह 1.9 प्रतिशत थी। वर्तमान सर्वेक्षण भारत के 1.18 लाख घरों में किया गया। सर्वेक्षण में कहा गया कि सात वर्ष और उससे अधिक आयु के दिव्यांगजनों में से 52.2 प्रतिशत साक्षर थे। करीब 28.8 प्रतिशत दिव्यांगजनों ने कहा कि उनके पास दिव्यांगता का प्रमाण पत्र है।

(इनपुट- भाषा)

Latest India News