A
Hindi News भारत राष्ट्रीय Video: समाज के आगे बेबस हुआ पति, एंबुलेंस नहीं अपने कांधे पर ढोया पत्नी का शव

Video: समाज के आगे बेबस हुआ पति, एंबुलेंस नहीं अपने कांधे पर ढोया पत्नी का शव

ओडिशा के सबसे पिछड़े इलाके कालाहांडी जिले में इंसानियत उस समय शर्मसार हो गई।। जब एक आदिवासी व्यक्ति ने अपने पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब दस किमी. तक ढोया। उसे पत्नी के शव को अस्पताल से घर लाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका..जानिए क्यों..

Odisha - India TV Hindi Odisha

ओडिशा: एक बार फिर इंसानियत शर्मसार हुई। आज यह बात बिल्कुल सच साबित हुई कि जब हम इस दुनिया में होते है। फिर चाहे भूखे या फिर प्यासे। जब हमें कोई भी इंसान यह नहीं पूछेगा या फिर नहीं देगा कि खा लों। वहीं दूसरी और कोई इस दुनिया से अलविदा कह जाए तो उसके लिए वह हर काम करते है। जिससे कि उसकी आत्मा को शांति मिले। यह एक ऐसा सच है। जिसे कोई झुठला नहीं सकता हैं। ऐसी ही खबर हम आपको बता रहे है। जिसे सुनकर आप यकीनन रो देगे और ये सोचने में मजबूर हो जाएंगे कि आज के समय में क्या सच में इंसानिय़त मर चुकी हैं?

ये भी पढ़े-

ओडिशा के सबसे पिछड़े इलाके कालाहांडी जिले में इंसानियत उस समय शर्मसार हो गई।। जब एक आदिवासी व्यक्ति ने अपने पत्नी के शव को कंधे पर लेकर करीब दस किमी. तक ढोया। उसे पत्नी के शव को अस्पताल से घर लाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका, क्योंकि उसकी जेब में पैसे नहीं थे।

जिस वक्त दाना माझी ने अपनी पत्नी अमंग के शव को कंधे पर लादकर दस किमी. का सफर शुरू किया। उस वक्त दाना माझी की बारह साल की बेटी भी उसके साथ थी। स्थानीय लोगों और वहां के पत्रकारों ने जब ये मंजर देखा तो फौरन जिला कलेक्टर को फोन किया गया।

तब जाकर दाना माझी को सरकारी मदद मिली और 50 किमी. की आगे की यात्रा के लिए एक एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। नवीन पटनायक की सरकार ने फरवरी में महापरायण योजना की शुरुआत की थी।  जिसके तहत शव को सरकारी अस्पताल से मृतक के घर तक पहुंचाने के लिए मुफ्त वाहन की सुविधा दी जाती है, लेकिन दाना माझी को ये सुविधा अस्पताल से नहीं मिली। जिसके कारण उन्हे अपनी पत्नी के शव को कपड़े में लपेटा और कंधे पर लादकर भवानीपटना से करीब 60 किमी. दूर रामपुर ब्लॉक के मेलघारा गांव के लिए पैदल चलना शुरू कर दिया।

मृतक महिला थी टीबी की मरीज
माझी की पत्नी टीबी की मरीज थी। पैसों की वजह से माझी उसका इलाज नहीं करा पाया था। जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। लेकिन इस पैसे ने उसकी पत्नी को मरने के बाद भी नहीं छोड़ा। जिसके कारण माक्षी को 10 किमी अपनी पत्नी के शव को रखकर लाना पडा।

माझी ने कही ये बात
इस बारे में माक्षी ने कहा कि मैरे काफी देर तक अस्पताल प्रसाशन से वाहन की व्यवस्था करने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने मेरी किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया। जिसके कारण उन्होंने यह कदम उठाया।

देखे वीडियो-

Latest India News