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Hindi News भारत राष्ट्रीय पंजाब में जहरीली शराब पीने से एक और मौत, मृतकों की संख्या बढ़कर 105 हुई

पंजाब में जहरीली शराब पीने से एक और मौत, मृतकों की संख्या बढ़कर 105 हुई

पंजाब के गुरदासपुर स्थित बटाला में जहरीली शराब पीने से एक और व्यक्ति की मौत के साथ ही राज्य में इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 105 हो गई।

One more dies due to spurious liquor in Punjab; death toll 105- India TV Hindi Image Source : PICTURE FOR REPRESENTATION One more dies due to spurious liquor in Punjab; death toll 105

चंडीगढ़। पंजाब के गुरदासपुर स्थित बटाला में जहरीली शराब पीने से एक और व्यक्ति की मौत के साथ ही राज्य में इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 105 हो गई। अधिकारियों ने सोमवार (3 अगस्त) को यह जानकारी दी। गुरदासपुर के उपायुक्त मोहम्मद इशफाक ने कहा, 'रविवार को एक और व्यक्ति की मौत के बाद बटाला में मृतकों की संख्या 13 तक पहुंच गई।' 29 जुलाई (बुधवार) शाम से जारी इस त्रासदी में अब तक तरनतारन जिले में सबसे अधिक 80 लोगों की मौत हुई है। वहीं, गुरदासपुर के बटाला में 13 और अमृतसर में 12 लोगों की जान गई है। 

अधिकारियों के मुताबिक, जहरीली शराब पीने वाले 10 लोगों का तरनतारन के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उसे पूरे मामले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। राज्य सरकार की ओर से दिए गए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश को खारिज करते हुए चुग ने उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश से मामले की जांच कराने की मांग की। उन्होंने बटाला में पीड़ितों के परिजन से मुलाकात भी की। चुग ने बटाला में संवाददाताओं से कहा, 'दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय सरकार त्रासदी का इंतजार करती रही।' 

वहीं, युवा अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने तरनतारन में सरकार के खिलाफ धरना दिया। धरने का नेतृत्व कर रहे युवा अकाली दल के प्रमुख परमबंस सिंह रोमाना ने आरोप लगाया कि कुछ कांग्रेस विधायक 'शराब के अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे थे।' उन्होंने कहा, '' हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह ध्यान दे अथवा हमें विधायकों के साथ-साथ मुख्यमंत्री के खिलाफ भी आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।'' इस बीच, पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने त्रासदी के लिए राज्य सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर अकाली दल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके शासन काल में भी वर्ष 2012 और 2016 में क्रमश: गुरदासपुर और बटाला में ऐसे ही घटनाएं हुई थीं। सोढी ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि बटाला मामले में तो एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी और ना ही मुख्य आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।

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