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Hindi News भारत राष्ट्रीय नोटबंदी को लेकर विपक्ष का आक्रामक रूख बरकरार, संसद में गतिरोध कायम

नोटबंदी को लेकर विपक्ष का आक्रामक रूख बरकरार, संसद में गतिरोध कायम

नई दिल्ली: बड़े नोटों को अमान्य करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के 8 नवंबर के निर्णय के मुद्दे पर विपक्ष ने आज संसद में अपना आक्रामक रूख बरकरार रखते हुए आम आदमी, किसानों और गरीबों

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नई दिल्ली: बड़े नोटों को अमान्य करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के 8 नवंबर के निर्णय के मुद्दे पर विपक्ष ने आज संसद में अपना आक्रामक रूख बरकरार रखते हुए आम आदमी, किसानों और गरीबों को इस कदम से होने वाली परेशानी को लेकर हंगामा किया जिसके कारण दोनों ही सदनों की कार्यवाही दिन भर बाधित रही। हालांकि सरकार ने कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार है तथा उसने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वह संसद में इस मुद्दे पर चर्चा से भाग रहा है।

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लोकसभा में विपक्ष ने मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग पर हंगामा और नारेबाजी की जिसके कारण दो बार के स्थगन के बाद करीब दो बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति की मांग पर विपक्ष के हंगामे के कारण पांच बार के स्थगन के बाद दोपहर बाद करीब तीन बजे बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा में जहां कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य, वहीं राज्यसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांगे्रस और बसपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे।

कानपुर के पास हुई रेल दुर्घटना के बारे में लोकसभा में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने हंगामे के बीच एक बयान पढ़ा वहीं राज्यसभा में रेल राज्यमंत्री राजेन गोहेन ने इसी बयान को पढ़ा। उच्च सदन में व्यवस्था नहीं होने के चलते इस बयान पर सदस्यों द्वारा स्पष्टीकरण नहीं पूछे जा सके। कांग्रेस के एक सदस्य को बयान की प्रति फाडते देखा गया। लोकसभा में विपक्षी सदस्य सदन का कार्य स्थगित कर मतविभाजन वाले नियम 56 के तहत तत्काल चर्चा कराने की मांग कर रहे थे। सरकार ने कहा कि यह कदम कालाधन, भ्रष्टाचार और जाली नोट के खिलाफ उठाया गया है और वह नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। लेकिन विपक्षी दल कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे।

इस विषय पर अपनी मांग के समर्थन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी अपने स्थान से उठकर विरोध करते देखा गया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि अगर आप गरीबों, आम लोगों की परेशानियों को उठाना चाहते हैं तो चर्चा करें। सरकार भी चर्चा को तैयार है। उन्होंने कहा कि कार्यस्थगन के प्रस्ताव को पहले ही अस्वीकार किया जा चुका है।

इससे पहले आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस, तृणमूल, वाम दलों ने 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों को अमान्य करने के कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों का मुद्दा उठाया और नियमित कार्य स्थगित कर तत्काल चर्चा शुरू कराने की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार, कालाधन और जाली नोट के प्रवाह पर अंकुश लगाने और इससे पनपने वाले आतंकवाद को खत्म करने को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी नीत सरकार ने यह कदम उठाया है। इस कदम को पूरे देश में एक स्वर से समर्थन मिला है। अनंत कुमार ने कहा कि हम इस विषय पर चर्चा कराने को तैयार हैं। भारत सरकार इस पर नियम 193 के तहत चर्चा कराने को तैयार है। पूरी जनता मोदी सरकार के इस निर्णय के साथ है।

हालांकि, विपक्षी सदस्य इस पर तैयार नहीं थे और कार्यस्थगित करके चर्चा कराने की मांग करते रहे।  सदन में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उपाध्यक्ष एम थम्बीदुरई ने करीब दो बजे कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी। उधर राज्यसभा में सुबह बैठक शुरू होने पर कानपुर देहात के पास कल हुए रेल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। इसके कुछ समय बाद माकपा के सीताराम येचुरी ने कहा कि रेल हादसे में मारे गए लोगों को आज सदन में श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी श्रद्धांजलि दी जानी चाहिए जिनकी जान नोटबंदी के कारण हो रही परेशानियों के चलते गयी है।

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