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Hindi News भारत राष्ट्रीय हरियाणा में शवगृह में रखे किसान के शव को चूहों ने कुतरा, बवाल मचले के बाद जांच के आदेश

हरियाणा में शवगृह में रखे किसान के शव को चूहों ने कुतरा, बवाल मचले के बाद जांच के आदेश

कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान कुंडली स्थित धरनास्थल पर एक और बुजुर्ग की हृदयाघात से मौत हो गई। स्वजन ने बुधवार देर रात उनका शव हरियाणा के सोनीपत जिले में नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया। रात में शव को चूहों ने कुतर दिया। 

Outrage After Rats At Sonipat Hospital Nibble At Body Of A Farmer- India TV Hindi Image Source : FILE कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान कुंडली स्थित धरनास्थल पर एक और बुजुर्ग की हृदयाघात से मौत हो गई।

चंडीगढ़: कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान कुंडली स्थित धरनास्थल पर एक और बुजुर्ग की हृदयाघात से मौत हो गई। स्वजन ने बुधवार देर रात उनका शव हरियाणा के सोनीपत जिले में नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया। रात में शव को चूहों ने कुतर दिया जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच का आदेश दिया है। यह मामला तब प्रकाश में आया जब राजेंद्र के परिवारवालों को बृहस्पतिवार सुबह शव के चेहरे और पैर पर जख्मों के निशान दिखे। 

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि हृदयाघात से राजेंद्र की मौत हो गयी थी और उनके शव को बुधवार रात शवगृह में रखा गया था। सोनीपत के प्रधान चिकित्सा अधिकारी जय भगवान ने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन डॉक्टरों की एक टीम बनायी गयी है। इसमें उप चिकित्सा अधीक्षक गिन्नी लांबा, संदीप लठवाल और वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी सुशील जैन शामिल हैं।

जय भगवान ने बताया, ‘‘तीन डॉक्टरों की एक टीम मामले की जांच कर रही है और वे देखेंगे कि किसकी तरफ से लापरवाही बरती गयी है।’’ उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की टीम एक दिन के भीतर ही यह रिपोर्ट सौपेंगी। राजेंद्र सोनीपत के बैयानपुर गांव के निवासी थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे हैरान करने वाली घटना करार दिया। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘73 साल में ऐसा दर्दनाक मंजर शायद कभी ना देखा हो। शहीद किसान के शव को चूहों ने कुतर दिया और भाजपा सरकार तमाशबीन बनी रही।’’

राजेंद्र के बेटे प्रदीप ने बताया कि रात को शव पर कोई निशान नहीं थे, लेकिन सुबह खून बहता मिला। यह सरासर अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही है। हंगामे के दौरान शवगृह में पहुंचे सिविल सर्जन डा. जसवंत पूनिया व प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. जयभगवान जाटान ने उन्हें जांच करवा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण व स्वजन शांत हुए और शव को पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए ले गए।

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