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Hindi News भारत राष्ट्रीय पद्मावती विवाद: संसदीय समिति के सामने पेश हुए भंसाली और जोशी, इन सवालों का करना पड़ा सामना

पद्मावती विवाद: संसदीय समिति के सामने पेश हुए भंसाली और जोशी, इन सवालों का करना पड़ा सामना

पद्मावती फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के प्रमुख प्रसून जोशी आज संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित हुए और इस फिल्म को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर अपने विचार समिति से साझा किया।

Sanjay Leela Bhansali- India TV Hindi Image Source : PTI Sanjay Leela Bhansali

नयी दिल्ली: पद्मावती फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के प्रमुख प्रसून जोशी आज संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित हुए और इस फिल्म को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर अपने विचार समिति से साझा किया। सूत्रों ने बताया कि सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ‘‘पद्मावती’’ फिल्म पर उपजे विवाद के बारे में लोकसभा की याचिका समिति के सदस्यों को अवगत कराने के लिए आज समिति के समक्ष पेश हुए और उन्होंने कहा कि फिल्म को अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है। उधर संजय लीला भंसाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति के समक्ष उपस्थित हुए।
 
भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रसारण संबंधी संसदीय समिति के अध्यक्ष हैं और इसके सदस्यों में भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के आडवाणी और फिल्म अभिनेता एवं कांग्रेस नेता राज बब्बर शामिल हैं। अनुराग ठाकुर के कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, भाजपा सांसद ठाकुर पद्मावती फ़िल्म से उपजे विवाद के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए सीबीएफसी के अध्यक्ष जोशी और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को आमंत्रित कर विवाद को सुलझाने का प्रयास किया। 

ठाकुर ने कहा कि पद्मावती विवाद को देखते हुए मेरे कुछ सवाल हैं, क्यों फ़िल्म के निर्माण के समय से ही टकराव की स्थिति बनी हुई है। फिल्म को सीबीएफसी की जांच से पहले चुनिंदा मीडिया को क्यों दिखाया गया। फ़िल्मों का निर्माण का आधार मनोरंजन होता है, न कि पूरे देश में तनावपूर्ण माहौल बनाना। उन्होंने कहा कि आईटी से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के नेतृत्व में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केन्द्रीय बोर्ड ऑफ फिल्म प्रमाणन के अध्यक्ष और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को आमंत्रित कर सभी सम्बंधित लोगों से उनका पक्ष जाना जाएगा और उनसे इस विवाद की वजह क्या है और भविष्य में ऐसे मामलों से बचनेके लिए क्या प्रभावी क़दम उठाए जायें इस पर विस्तृत चर्चा होगी। 

भाजपा सांसद ने कहा कि यदि एक पक्ष की बातें सामने आती हैं तो उसका दूसरा पक्ष दिखाने की ज़िम्मेदारी भी मीडिया की है । ये सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं बल्कि इससे लोगों की जनभावनाऐं भी जुड़ी हुई हैं जिसका हमें ध्यान रखना है। माहौल को ऐसे ख़राब होते हम नहीं देख सकते और इसके लिए हमें जो भी ज़रूरी क़दम उठाने होंगे वो उठायंगे और आपसी सहयोग से इस विवाद को ख़त्म करेंगे। 

बहरहाल, जोशी ने लोकसभा समिति को बताया कि सेंसर बोर्ड ने इस पीरियड फिल्म के केवल ट्रेलर और प्रोमोज को मंजूरी दी थी। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) प्रमुख ने समिति से कहा कि फिल्म को विशेषज्ञों को दिखाए जाने के बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या सेंसर बोर्ड के प्रमुख के तौर पर उन्होंने फिल्म देखी, इस पर जोशी ने कहा कि उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी। राजस्थान से भाजपा के दो सांसदों सी पी जोशी और ओम बिड़ला ने फिल्म में कथित ‘‘आपत्तिजनक सामग्री’’ को लेकर समिति के समक्ष याचिका दायर की थी। लोकसभा की याचिका समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड से रिपोर्ट मांगी थी। 

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