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Hindi News भारत राष्ट्रीय दिल्ली चुनाव के नतीजों पर बोलीं प्रियंका गांधी, 'जनता सब सही करती है, हम संघर्ष करेंगे'

दिल्ली चुनाव के नतीजों पर बोलीं प्रियंका गांधी, 'जनता सब सही करती है, हम संघर्ष करेंगे'

दिल्ली चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि "जनता जो करती है, सही करती है। यह हमारे लिए संघर्ष का समय है। हमें बहुत संघर्ष करना है। हम करेंगे।"

Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra- India TV Hindi Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra (File Photo)

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नजीतों पर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रतिक्रिया दी। प्रियंका गांधी ने कहा कि "जनता जो करती है, सही करती है। यह हमारे लिए संघर्ष का समय है। हमें बहुत संघर्ष करना है। हम करेंगे।" बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार भी कांग्रेस को किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली है। इससे पहले कांग्रेस को 2015 के चुनावों में भी किसी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी।

दो बार से जिस कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल रही है, उसी कांग्रेस ने इससे पहले 2013 तक लगातार 15 साल तक दिल्ली पर राज किया था। लेकिन, कांग्रेस पार्टी पिछले 2 विधानसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पायी है। 2015 में भी कांग्रेस पार्टी को शून्य सीट मिली थी और अब 2020 में भी शून्य से ही संतोष करना पड़ रहा है। सीटें तो सीटें, कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर भी ऐसे कम हुआ है मानों वह कभी दिल्ली की राजनीति में थी ही नहीं।

कांग्रेस पार्टी को 2020 में लगभग 4 प्रतिशत वोटों से संतोष करना पड़ा है, 2015 में पार्टी को लगभग 9 प्रतिशत वोट मिले थे। 2019 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान मत प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस पार्टी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को तीसरे नंबर पर धकेल दूसरे नंबर पर आ गई थी और तब ऐसा लगा था कि पार्टी विधानसभा चुनावों में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी। लेकिन यह हो न सका और आपसी कलह, नकारा नेतृत्व तथा खराब चुनाव प्रबंधन की वजह से कांग्रेस पार्टी के हाथ इस बार भी शून्य ही लगा।

कांग्रेस पार्टी को अपनी दिवंगत नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की कमी बहुत ज्यादा खल रही होगी। 1998 में शीला दीक्षित पहली बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं थी और उस समय दिल्ली विधानसभा चुनाव में पार्टी को 52 सीटों पर जीत मिली थी, शीला दीक्षित के ही नेतृत्व में पार्टी ने 2003 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और उस साल भी कांग्रेस पार्टी 47 सीटों पर जीत प्राप्त करने में कामयाब हुई थी, 2008 में एक बार फिर से शीला दीक्षित के नेतृत्व मे चुनाव हुआ था और कांग्रेस पार्टी तब भी 43 सीटें जीतने में कामयाब हुई।

लेकिन 2013 के विधानसबा चुनावों में पार्टी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की वजह से शीला दीक्षित और कांग्रेस पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और पहली बार दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। लगातार 15 साल सत्ता में रहने के बाद ऐसी संभावना थी कि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन कुछ सुधर सकता है, लेकिन 2015 में दिल्ली की जनता ने कांग्रेस पार्टी को शून्य पर धकेल दिया और अब 2020 में एक बार फिर से कांग्रेस के हाथ घटे हुए वोट शेयर के साथ शून्य ही लगा है।

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