पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल का निधन, आतंकवाद के खात्मे में अहम भूमिका
पंजाब पुलिस के पूर्व पुलिस महानिदेशक केपीएस गिल का निधन हो गया। वे 82 साल के थे।
नई दिल्ली: पंजाब पुलिस के पूर्व पुलिस महानिदेशक केपीएस गिल का निधन हो गया। 82 साल के गिल पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। पंजाब में आतंकवाद के खात्मे में गिल की अहम भूमिका थी। वे इंडियन हॉकी फेडरेशन के अध्यक्ष भी रहे। श्रीलंका ने एलटीटीई के खिलाफ अपनी रणनीति बनाने के लिए केपीएस गिल की मदद मांगी थी। 2006 में छत्तीसगढ़ ने नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए उन्हें सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया था।
बता दें कि जब केपीएस गिल को पंजाब पुलिस का महानिदेशक बनाया गया था उस समय पूरा पंजाब आतंकवाद की चपेट में था। गिल के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद को खत्म करने की थी। पुलिस महानिदेशक के तौर पर उन्होंने पुलिस को आतंकवादियों के खिलाफ बेहद सख्ती से निपटने के निर्देश दिए। इसका नतीजा ये रहा कि कई आतंकवादी एनकाउंटर में मारे गए। पुलिस की सख्ती से आतंकियों पर शिकंजा कसा और धीरे-धीरे पंजाब में शांति कायम हुई।
गिल को प्रशासनिक सेवा में उनके बेहतरीन काम की वजह से पद्म श्री से नवाजा गया था। 1988 से 1990 तक पंजाब पुलिस का डीजीपी रहने के बाद गिल को 1991 में दोबारा डीजीपी नियुक्त किया गया। इस दौरान केपीएस गिर के नेतृत्व में पंजाब पुलिस ने आतंकवादियों की कमर तोड़कर रख दी। गिल 1995 में भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर हुए। गिल पर मानवाधिकार हनन के आरोप भी लगते रहे।