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Hindi News भारत राष्ट्रीय कृषि बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी पंजाब सरकार, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का बयान

कृषि बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी पंजाब सरकार, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल का बयान

पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कृषि बिल को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब सरकार नए कानून को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी।

Punjab Finance Minister Manpreet Singh Badal addresses a press conference at UPCC headquarters in Lu- India TV Hindi Image Source : PTI Punjab Finance Minister Manpreet Singh Badal addresses a press conference at UPCC headquarters in Lucknow on Friday.

लखनऊ। पंजाब की अमरिंदर सिंह सरकार में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कृषि बिल को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पंजाब सरकार नए कानून को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी। वित्त मंत्री शुक्रवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। बादल ने कहा कि कृषि आय 14 साल में इस साल सबसे कम है। उपज का दाम पिछले 18 साल में इस साल सबसे कम आया है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करेंगे, लेकिन उसे लागू न करके किसानों के साथ विश्वासघात किया है। पंजाब सरकार नए कानून को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी।

उन्होने कहा कि तीनों नए कृषि कानूनों में एमएसपी का जिक्र न किए जाने से सरकारी अनाज मंडिया, सब्जी और फल मंडियां समाप्त हो जाएंगी। किसान पूंजीपतियों के तय किए गए मूल्य पर फसल बेचने को मजबूर होंगे। नई व्यवस्था में पूंजीपतियों को ही फायदा होगा। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि किसान विरोधी कृषि बिलों के खिलाफ कांग्रेस आखिरी दम तक लड़ेगी। हाल ही में संसद में पास किये गए ऑर्डिनेंस का मुख्य मकसद किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के सुरक्षा कवच से वंचित करना है। यह कानून देश के अन्नदाता को बर्बाद कर देगा।

मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सभी किसानों को समझदारी से काम लेना होगा। किसानों के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले कदमों को कांग्रेस कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी। सिर्फ कांग्रेस ही सरकार की जन विरोधी नीतियों का डट कर विरोध करेगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी किसानों के हितों का नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा उजागर: मनप्रीत

पंजाब सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शुक्रवार को कहा कि संसद में तानाशाही तरीके से तीन कृषि विधेयक पारित कराने से केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। मनप्रीत बादल ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संसद में चर्चा और प्रक्रिया अपनाये बगैर तानाशाही तरीके से तीन कृषि विधेयक पारित करने से मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आया है। 

उन्होंने कहा कि खुद को किसान हितैषी बताने वाली मोदी सरकार ने सत्ता में आने से पहले किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया था, मगर छह साल के भाजपा के शासनकाल में कृषि विकास दर मात्र 3.1 प्रतिशत रह गयी है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेसनीत सरकार के शासनकाल में 4.3 प्रतिशत थी। मनप्रीत ने कहा, ‘‘इस साल कृषि आय 14 साल में सबसे कम है। किसान की उपज का दाम पिछले 18 साल में इस साल सबसे कम आया है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करेंगे लेकिन उसे लागू न करके किसानों के साथ विश्वासघात किया है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘किसानों की हालत इतनी दयनीय हो चुकी है कि आज देश में हर घंटे एक किसान आत्महत्या करने को विवश है। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से अब तक कार्पोरेट कर लगभग 40 प्रतिशत घटाया है और उद्योगपतियों के 6.6 लाख करोड़ रूपये के कर्ज विभिन्न तरीके से माफ किये हैं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों से ऊंची दर पर प्रीमियम लिया जा रहा है अकेले हरियाणा में बीमा कंपनियों ने किसानों से 10 हजार करोड़ रूपये कमाया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पारित कराये गये विधेयकों के कानून बनने से जहां एक तरफ हमारे देश और प्रदेश के किसान अधिकारविहीन और बेचारा बनकर रह जायेंगे वहीं मंडी परिषद और विपणन समितियों का खात्मा हो जाएगा। इससे लाखों कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। मंडी परिषद की आय से ग्राम स्तर तक जो विकास कार्य हो रहे हैं वह बन्द हो जायेंगे। 

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