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Hindi News भारत राष्ट्रीय कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र से फिर बातचीत करने को तैयार- BKU नेता राकेश टिकैत

कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र से फिर बातचीत करने को तैयार- BKU नेता राकेश टिकैत

टिकैत मोहाली में अभय सिंह संधू के परिवार से मिलकर शोक जताने पहुंचे थे। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के भतीजे संधू की हाल ही में कोविड के बाद आयी जटिलताओं के कारण मौत हो गई। 

Rakesh Tikait says government should resume talks with protesting farmer leaders कृषि कानूनों को लेक- India TV Hindi Image Source : PTI कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र से फिर बातचीत करने को तैयार- BKU नेता राकेश टिकैत

चंडीगढ़. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि किसान संगठन केन्द्र के साथ बातचीत फिर शुरू करने को तैयार हैं, लेकिन यह बातचीत नए कृषि कानूनों को वापस लेने पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने से पहले किसानों के प्रदर्शन स्थल से हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।

टिकैत मोहाली में अभय सिंह संधू के परिवार से मिलकर शोक जताने पहुंचे थे। स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह के भतीजे संधू की हाल ही में कोविड के बाद आयी जटिलताओं के कारण मौत हो गई। टिकैत ने कहा, ‘‘जब सरकार बात करना चाहेगी, संयुक्त किसान मोर्चा बात करेगा।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन बातचीत केन्द्र के नए कृषि कानूनों को वापस लेने पर होनी चाहिए। वहीं हरियाणा के हिसार में किसानों द्वारा आहूत प्रदर्शन के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। जिले में पिछले रविवार को हुई हिंसक झड़प के सिलसिले में 300 से ज्यादा किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद किसानों ने प्रदर्शन का आह्वान किया है।

प्रदर्शनकारियों का साथ देने करनाल से हजारों किसान सिंघू बॉर्डर पहुंचे: संयुक्त किसान मोर्चा 
करनाल और निकटवर्ती इलाके से हजारों किसान केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन से जुड़ने रविवार को सिंघू बॉर्डर पहुंचे। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने इस बारे में बताया। आंदोलन कर रही 40 यूनियनों के प्रधान संगठन एसकेएम ने एक बयान में बताया कि फसल की कटाई के मौसम के बाद लगातार किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। एसकेएम ने कहा है कि उसके सदस्य हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और इस महीने हिसार में किसानों पर ‘‘हमला’’ करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर सोमवार को हिसार आयुक्त कार्यालय का घेराव करेंगे।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर पिछले साल नवंबर से ही हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं।

एसकेएम ने बताया, ‘‘अलग-अलग वाहनों से हजारों किसान रविवार को सिंघू बॉर्डर पहुंचे हैं। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में करनाल और आसपास के इलाके से किसानों का काफिला आया है।’’ बयान में कहा गया, ‘‘फसल की कटाई के लिए जो किसान गांव चले गए थे, वे अब वापस प्रदर्शन स्थल पर लौट रहे हैं। किसान उत्साहित हैं और मांगे स्वीकार होने पर ही यह आंदोलन खत्म होगा।’’

एसकेएम ने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने तिरंगा मार्च भी आयोजित किया। एसकेएम ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान सोमवार को स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह सराभा की जयंती मनाएंगे। हिसार पुलिस ने 16 मई को कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने आए खट्टर के आयोजन स्थल पर जाने से रोकने के लिए किसानों के एक समूह पर कथित रूप से लाठियां बरसाई थी और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। किसानों ने दावा किया था कि लाठीचार्ज में 50 से ज्यादा किसान घायल हो गए थे। वहीं, एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया था कि घटना में एक डीएसपी समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।

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